GSS 2024: माई होम ग्रुप कंस्ट्रक्शन के वाइस चेयरमैन रामू राव को ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी लीडर अवॉर्ड
माई होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन (Executive Vice Chairman) रामू राव जुपाली को कल शुक्रवार (13 सितंबर) को लंदन स्थित यूके पार्लियामेंट हाउस ऑफ लॉर्ड्स की ओर से आयोजित भव्य कार्यक्रम में प्रतिष्ठित ग्लोबल सेफ्टी समिट (GSS) 2024 के अवॉर्ड से नवाजा गया. इसी प्रतिष्ठित मंच पर ईएसजी कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया गया जिसमें अलग-अलग श्रेणियों में इंटरनेशनल सेफ्टी अवॉर्ड प्रदान किए गए.
इंटरनेशनल सस्टेनेबिलिटी लीडर (कंस्ट्रक्शन सेक्टर) अवॉर्ड माई होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन रामू राव जुपाली को मिला. इस सम्मान के साथ ही माई होम ग्रुप ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है. इस सम्मान से कंपनी को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. माई होम ग्रुप कई सेक्टर में ट्रेंड सेटर बन गया है.
भास्कर राजू को भी मिला सम्मान
इसके अलावा, माई होम ग्रुप के स्वास्थ्य सुरक्षा पर्यावरण प्रमुख डी. भास्कर राजू ने अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ एचएसई प्रबंधक का पुरस्कार जीता. माई होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पिछले तीन सालों से लगातार प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत रहा है. ग्लोबल सेफ्टी समिट अवॉर्ड पर्यावरण, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कॉर्पोरेट और सामाजिक जिम्मेदारियों आदि सेक्टरों में उपलब्धियों को मान्यता देता है.
डी. भास्कर राजू को भी मिला सम्मान
ग्लोबल सेफ्टी समिट (GSS) फायर एंड सेफ्टी फोरम द्वारा आयोजित एक सालाना समारोह है. इसकी स्थापना साल 2009 में की गई थी. यह भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन एवं मूल्यांकन संस्था है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका की अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट के अनुसार सर्टिफिकेशन गाइडलाइन तैयार करता है. फायर एंड सेफ्टी फोरम, यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पैक्ट न्यूयॉर्क (UNGCN) से जुड़ा हुआ है. यह नेटवर्क भारत में UNGCNI के नाम से सक्रिय है.
2014 से दिल्ली में सालाना कार्यक्रम
साल 2014 से, हर साल GSS नई दिल्ली में 1000 से अधिक सेफ्टी प्रोफेशनल्स, 40 से अधिक प्रसिद्ध वक्ताओं और 30 से अधिक औद्योगिक पुरस्कार विजेताओं की मेजबानी करता है. कोरोना महामारी की वजह से UNGCNI के साथ साझेदारी में GSS 2020 का आयोजन वर्चुअल रूप से किया गया था. पुरस्कार विजेताओं की सूची फोर्ब्स मैगजीन के भारतीय पोर्टल पर प्रकाशित भी की गई थी.