Gyanvapi Case: 6000 से अधिक दुकानें रहीं बंद, नहीं चले पावरलूम और करघे; 2 दिन में 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के आह्वान पर वाराणसी में 6000 से अधिक दुकानें बंद रहीं। दो दिन में 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। दालमंडी, हड़हा सराय, नई सड़क की दुकानों पर दिनभर 25 हजार खरीदारों की भीड़ उमड़ती है।
व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ शुरू होने के विरोध में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर शुक्रवार को ज्ञानवापी में भारी संख्या में नमाज पढ़ने के लिए नमाजी पहुंचे। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के आह्वान पर शुक्रवार को शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मुर्री बंद जैसा माहौल रहा।
इससे करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ। दालमंडी, हड़हा सराय, नई सड़क की लगभग 6000 से अधिक दुकानें बंद रहीं। वहीं, गद्दीदारों और साड़ी की दुकानों पर बुनकर नहीं पहुंचे। पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी में शामिल दालमंडी, हड़हा सराय और नई सड़क में दो दिन में 50 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ।
दालमंडी व्यापार मंडल के व्यापारियों के अनुसार पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी में शुमार दालमंडी में खरीदारी के लिए पूर्वांचल के अलावा बिहार से भी कारोबारी आते हैं।
व्यापारियों के अनुसार बनारसी साड़ी, कपड़े, कॉस्मेटिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, जूता-चप्पल, खिलौने, सजावटी सामान, मोबाइल, एक्सेसरीज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, घड़ी, बर्तन आदि समान थोक भाव में मिलते हैं। सुबह से लेकर रात तक गुलजार रहने वाले दालमंडी, हड़हा सराय, नई सड़क की दुकानों पर दिन भर में 25 हजार खरीदारों की भीड़ उमड़ती है।थोक और फुटकर दोनों का कारोबार होता है। मगर, बंदी के चलते शुक्रवार को चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर, जौनपुर आदि जिलों से खरीदारी को आने वाले ग्राहकों को निराश लौटना पड़ा।
वैवाहिक सीजन में बंदी से संकट में बनारसी वस्त्र के उद्यमी साड़ी कारोबारियों के अनुसार दालमंडी, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, बजरडीहा आदि इलाकों की दो दिन की बंदी से लगभग 15 करोड़ की साड़ी का कारोबार प्रभावित है।
14 से 15 करोड़ की बनारसी साड़ी, बनारसी वस्त्रों का काम अटक गया। बनारसी साड़ी में रंगाई और फिनिशिंग का काम मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ज्यादा होता है। बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजन बहल ने बताया कि वैवाहिक सीजन में समय से माल तैयार नहीं होने से चिंता सताने लगी है। यदि बंदी आगे चली तो मुश्किल बढ़ सकती है।
नहीं चले पावरलूम और करघे, चाय की दुकानें तक नहीं खुलीं
दालमंडी, हड़हा सराय, नई सड़क में बंदी के अलावा बेनिया, मदनपुरा, बजरडीहा, शिवाला, बड़ी बाजार, सरैया, पीलीकोठी, छित्तनपुरा, अलईपुरा, लोहता के कोटवां में दुकानें बंद रहीं। इन इलाकों में न तो पावरलूम चले और ना ही करघों की खटर-पटर का शोर सुनाई दिया। चाय-पान तक की दुकानें भी नहीं खुलीं।
सोशल मीडिया पर करते रहे अपील
अंजुमन मसाजिद कमेटी के आह्वान पर मुस्लिम बाहुल्य की दुकानों के शटर नहीं खुले। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग अमन और चैन की अपील करते रहे। घरों में महिलाओं ने तस्बीह, कलमा पढ़ा और तिलावत की। अमूमन जुमे के दिन आधे समय के लिए दुकानें बंद होती थीं लेकिन इस बार सुबह से लेकर देर शाम तक दुकानों का शटर उठा नहीं।