15 सालों से थी इस ‘खिलाड़न’ की तलाश, हर बार पुलिस को दे देती थी गच्‍चा, चीन से आका के इशारे पर कर रही थी बड़ा ‘खेल’

करीब 15 साल पहले चीन में रची गई एक साजिश को अंजाम देने के मकसद से गुरदीश सिंह दिल्‍ली इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा था. वह अपने मंसूबों में सफल होता, इससे पहले वह इमीग्रेशन ब्‍यूरो के हत्‍थे चढ़ गया. दरअसल, यह पूरा मामला लोगों को बरगलाकर अवैध तरीके से विदेश भेजने से जुड़ा था. गुरदीश को भी इन्‍हीं मंसूबों के तहत आईजीआई एयरपोर्ट भेजा गया था. शुरूआती पूछताछ के बाद इमीग्रेशन ब्‍यूरो ने गुरदीश को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया.

वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, इमीग्रेशन ब्‍यूरो से मिली शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420/468/471/120B और पासपोर्ट एक्‍ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर गुरदीश को गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में पाया गया कि गुरदीश के पासपोर्ट पर लगा कनाडा का वीजा फर्जी पाया गया. पूछताछ में उसने बताया कि उसे कनाडा का यह वीजा राज कौर नामक एक महिला ने उपलब्‍ध कराया था. इस काम में राज के सा‍थ उसका पति सुखदेव‍ सिंह और अशोक नाम का एक अन्‍य व्‍यक्ति भी शामिल था.

15 लाख रुपए में मिला कनाडा का फर्जी वीजापूछताछ में पता चला कि राज कौर ने अपने पति सुखदेव सिंह और अशोक के साथ मिलकर यह साजिश चीन के बीजिंग शहर में रची थी. साजिश के तहत, गुरदीश को अपने असली वीजा पर बीजिंग पहुंचना था. बीजिंग पहुंचने के बाद गुरदीश को आगे की साजिश के बारे में बताया जाना था. साजिश के तहत, गुरदीश जुलाई 2009 में दिल्‍ली के आईजीआई एयरपोर्ट से बीजिंग के लिए रवाना हो गया. बीजिंग पहुंचने के बाद आरोपी अशोक ने 15 लाख रुपए के एवज में गुरदीश के पासपोर्ट पर कनाडा का फर्जी लगा दिया.

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