Happy Birthday Gulzar: जिंगल्स से लेकर आइटम सॉन्ग्स लिखने वाले गुलजार की रेंज का कोई तोड़ नहीं

गुलजार….सिर्फ नाम ही काफी है. अपनी कलम से उन्होंने जज्बातों को कुछ इस अंदाज से उकेरा कि वो हर दिल अजीज बन गए, अपने अल्फाजों से गीतों को खूबसूरत आयाम देने वाले इस अजीम फनकार ने हर मूड के गाने लिखे, गजल और नजम लिखी. उनकी शायरी से इंसान खुद को कनेक्ट करता है. आइटम सॉन्ग हो, फिर बच्चों के गाने गुलजार की कलम का जादू हर तरफ चला. उन गानों को आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं उन आइटम सॉन्ग की जिन्होंने धमाल मचा दिया. शायर के लिए गीत लिखना बड़ी बात नहीं, लेकिन आइटम सॉन्ग्स लिखना यकीनन बड़ी बात है. इन सॉन्ग को सुनकर यकीनन हैरानी होती है कि ये किसी शायर ने लिखे हैं. बेहद खूबसूरत अल्फाजों से सजे ये गाने ऑल टाइम फेवरेट हैं.
कजरारे-कजरारे…
फिल्म बंटी और बबली का कजरारे-कजरारे…गुलजार की कलम से निकला वो गाना है जिसे सुनकर हर कोई थिरकने पर मजबूर हो जाता है. शानदार म्यूजिक और बेहतरीन बोल से सजे इस गाने ने धमाल मचा दिया था. आज भी हर फंक्शन पर ये गाना जरूर सुनाई देता है. फिल्म ओमकारा का बीड़ी जलाई रे ने ऑडियंस के दिलों जिगर में ऐसी आग लगाई की हर कोई बस देखता रह गया. गुलजार ने इस गाने को देसी अंजाम में कुछ इस तरह से गढ़ा कि हर तरफ छा गया. शादी हो या पार्टी हर जगह इस गाने पर लोग थिरकते नजर आते हैं. वहीं इसी फिल्म का एक और गाना है नमक इस्क का. गुलजार की कलम और रेखा भारद्वाज की आवाज ने इस गाने को हमेशा के लिए यादगार बना दिया.
‘लकड़ी की काठी-काठी पे घोड़ा’
ये तो हो गई गुलजार के आइटम सॉन्ग की बात. अब बात करते हैं बच्चों के लिए लिखे उनके कुछ गानों की. मासूमियत और शरारत से भरे ये गाने न सिर्फ बच्चों के पसंदीदा है बल्कि बड़े भी इन गानों को मस्ती के साथ सुनते हैं. फिल्म मासूम में यूं तो गुलजार ने और भी गाने लिखे और सभी को पसंद भी किया जाता है लेकिन ‘लकड़ी की काठी-काठी पे घोड़ा’ बच्चों पर फिल्माए इस गाने की बात ही अलग है. स्कूलों का शायद ही कोई ऐसा फंक्शन होगा जिसमें इस गाने पर बच्चे परफॉर्म न करते हैं. फिल्म परिचय का सा रे के सा रे गा मा को ले कर गाते चले. इस गाने में गुलजार ने संगीत के सात सुरों का परिचय बेहद आसानी और खूबसूरती के साथ कराया. फिल्म किताब मास्टर जी की आ गई चिट्ठी भी बच्चों के लिए लिखा उनका बेहतरीन गीत है. फिल्म गुड्डी का ‘हम को मन की शक्ति देना’… एक ऐसा गीत जो हर स्कूल में गाया जाने लगा था.
‘जंगल-जंगल बात चली है’
जब बात बच्चों को गाने की हो रही हो तो भला हम इस गाने को कैसे भूल सकते हैं. बच्चों के सबसे मशहूर टीवी सीरियल मोगली का टाइटल सॉन्ग जंगल-जंगल बात चली है पता चला है को गुलजार ने लिखा. देखते ही देखते ये गाना ऐसा छाया कि हर किसी की जुबां पर छा गया. आज भी ये सॉन्ग लोगों का पसंदीदा सॉन्ग है. न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़ों ने भी इस सॉन्ग को काफी पसंद किया है.

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