पहली बार MLC बने हैं; राम मंदिर उद्घाटन के लिए उद्धव ठाकरे को क्यों नहीं आया न्योता? सामने आई वजह
अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन के लिए यूपी सरकार की अगुवाई में मंदिर समिति ट्रस्ट द्वारा जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। 22 जनवरी के दिन मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त भले ही 84 सेकंड का हो लेकिन, आयोजन सप्ताहभर चलने वाला है। मंदिर ट्रस्ट ने आयोजन के लिए तमाम हस्तियों को निमंत्रण भेजा है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के चीफ शामिल हैं। इस भव्य कार्यक्रम के लिए कई राजनीतिक हस्तियों ने खुद को निमंत्रण नहीं मिलने का आरोप भी लगाया है। शरद पवार के अलावा उद्धव भी उनमें शामिल हैं। इसकी अब एक वजह सामने आई है। एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने उस वजह का खुलासा किया है कि आखिर उद्धव को निमंत्रण क्यों नहीं भेजा गया?
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने राम मंदिर उद्घाटन के लिए उद्धव ठाकरे को निमंत्रण नहीं भेजने के फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन के लिए राजनीतिक दलों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है है। उद्धव ठाकरे की कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। इसके अलावा, वह पहली बार एमएलसी बने हैं।
‘पहली बार एमएलसी बने हैं उद्धव’
महाजन ने बुधवार को नांदेड़ की अपनी यात्रा के दौरान कहा, “केवल उन लोगों को आमंत्रित किया गया है जो राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रमुख हैं। शिव सेना (यूबीटी) न तो राष्ट्रीय राजनीतिक दल है, न ही राज्य स्तरीय दल है। शिवसेना फिलहाल एकनाथ शिंदे के साथ है और जो लोग प्रोटोकॉल के अनुसार राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण के पात्र हैं और केंद्र की सूची का हिस्सा हैं, केवल उन्हें ही आमंत्रित किया गया है।”
शिवसेना ने गिराई बाबरी मस्जिद- राउत
उधर, उद्धव ठाकरे को राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण नहीं मिलने पर संजय राउत भड़के हुए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि मंदिर उद्घाटन के लिए अगर निमंत्रण नहीं भी मिला, तब भी उद्धव अयोध्या जाएंगे। राउत ने कहा कि जब 1992 में बीजेपी ने दावा किया था कि शिवसेना पर बाबरी मस्जिद गिराई है तब बाला साहेब ठाकरे ने यह जिम्मेदारी ली थी। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम का शिवसेना से बहुत जुड़ाव है। शिवसेना के लिए अयोध्या उसकी दूसरी अपनी नगरी है।
गौरतलब है कि महाजन नांदेड़ के संरक्षक मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि यह बमुश्किल मायने रखता है कि पूरे देश में दिवाली की तरह मनाए जाने वाले इस भव्य कार्यक्रम के लिए उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया जाए या नहीं? उन्होंने यहां तक कहा कि उद्धव विधानसभा सत्र में भी शामिल नहीं होते हैं। उन्होंने बाबरी मस्जिद के विध्वंस और राम मंदिर के निर्माण में उद्धव के योगदान पर भी सवाल उठाया।