हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर मंडराया खतरा टल गया है?
हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार (Himachal Pradesh Government) ने विधानसभा में बजट पास करवा दिया है. बजट पास होने के साथ ही तीन महीने के लिए सरकार गिरने का संकट टल गया है.
क्योंकि राज्य विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था. इसके बाद हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया.
खबरें ये भी आईं कि विधायकों की नाराजगी के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा देने से मना कर दिया था. इस्तीफे की अफवाहों पर सुक्खू ने कहा कि किसी ने उनसे इस्तीफा देने को नहीं कहा है. उन्होंने कहा,
“योद्धा हूं. हर लड़ाई युद्ध की तरह लड़ता हूं. मैंने इस्तीफा नहीं दिया है. कांग्रेस की सरकार पांच साल चलेगा. ये आम आदमी की सरकार है.”
इससे पहले पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका कहना था कि अपने इस्तीफे को लेकर उन्होंने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को बता दिया था. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि कभी-कभी मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं. सरकार की मौजूदा हालत देखकर वो यहां नहीं रह सकते हैं.
राजनीतिक संकट को रोकने के लिए पार्टी ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को शिमला भेजा गया. फिलहाल विधायकों को मनाने की कोशिश जारी है.
बता दें कि कांग्रेस के छह बागी विधायक राज्यसभा की वोटिंग के बाद पंचकूला चले गए थे. जहां हेलिकॉप्टर से इन्हें वापस लाया गया. इन विधायकों ने शिमला वापस आने के बाद बताया कि वो बीजेपी के साथ हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं. कांग्रेस के 40 विधायक हैं और भाजपा के 25. तीन सदस्य निर्दलीय हैं. राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेस विधायकों और तीनों निर्दलीय ने बीजेपी के समर्थन में वोट कर दिया था.
भाजपा के विधायक सस्पेंड…
28 फरवरी को बजट पेश करने से पहले स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को सदन से सस्पेंड कर दिया. इनमें हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी थे. विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में मार्शल को बुलाया गया था जिसके बाद सदन दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी.
विधायकों के सस्पेंशन को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस से बीजेपी के समर्थन में आए विधायकों को भी सस्पेंड किया जा सकता है. ठाकुर ने दावा किया था कि कांग्रेस के कई नेता उनके संपर्क में हैं. हालांकि अब सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है.