Heat wave and brain damage: हीट वेव से कैसे ब्रेन हो जाता है डैमेज, जो बनता है मौत का कारण, डॉक्टर से जानें

भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है. बीते 24 घंटों में देश के अलग- अलग राज्यों में लू लगने से कई लोगों की मौत हुई है. ऐसे केस भी आएं हैं जहां अस्पताल में पहुंचने से पहले ही मरीजों दम तोड़ चुके हैं . गर्मी के कारण लोग अचानक बेहोश होकर गिर रहे हैं और इससे डेथ हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि तापमान बढ़ने का असर दिमाग पर पड़ता है. इस वजह से ब्रेन डैमेज हो रहा है. गर्मी से ब्रेन पर असर पड़ने की प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि इसका पता नहीं चलता है. गर्मी के कारण अचानक व्यक्ति बेहोश होता है और फिर मौत हो जाती है.
शैल्बी शनर इंटरनेशनल अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी सुनील सिंगला बताते हैं कि जब तापमान ज्यादा बढ़ जाता है तो इसका नुकसान दिमाग को होता है. कई मामलों में लू का दिमाग पर पड़ा असर मौत का कारण बनता है .
डॉ सुनील बताते हैं कि दिमाग शरीर के टेंपरेचर को कंट्रोल करता है. इसके लिए बॉडी में थर्मो रिसेप्टर होते हैं. लेकिन जब तापमान 45 डिग्री से ज्यादा हो जाता है तो ये फंक्शन काम करना कम कर देते हैं. इससे ब्रेन शरीर के तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता है और डैमेज हो जाता है. जिससे मौत हो सकती है.
दिल्ली में न्यूरोसर्जन डॉ मनीष कुमार बताते हैं कि जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो दिमाग के चारों और मौजूद सुरक्षा परत डैमेज होने लगती है. इसके ब्रेन में ज्यादा प्रोटीन जमा होने लगता है. इससे ब्रेन की सेल्स मरने लगती हैं जो जानलेवा हो सकता है. कई मामलों में तेज गर्मी की वजह से ब्रेन स्ट्रोक भी आ जाता है. ऐसा अचानक तेज गर्मी से सामान्य तापमान में जाने के कारण होता है. इस मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी काफी बढ़ गए हैं. यह भी गर्मी की वजह से मौत का एक बड़ा कारण है.
तेज गर्मी में कूलिंग सिस्टम हो जाता है फैल
नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में डायरेक्टर डॉ. अजय अग्रवाल बताते हैं कि शरीर का अपना कूलिंग सिस्टम होता है. जब बाहर तापमान बढ़ा हुआ रहता है और इस दौरान व्यक्ति धूप में होता है तो उसके शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है. ऐसी स्थिति में ब्रेन टेंपरेचर को कंट्रोल करने में लग जाता है. ब्रेन बॉडी को कमांड देता है और शरीर पसीना निकालना शुरू कर देता हैं
. इस प्रक्रिया से शरीर खुद को ठंडा करता है, लेकिन जब बाहर बहुत ज्यादा गर्मी होती है तो कूलिंग सिस्टम फेल हो जाता है. शरीर में जरूरत से अधिक पसीना बहता है और सोडियम की कमी हो जाती है. इसका असर पहले तो स्किन पर पड़ता है और फिर अचानक बाद में ब्रेन डैमेज हो सकता है. कुछ मामलों में ब्रेन स्ट्रोक भी आ जाता है, जो मौत का कारण बनता है.
कैसे करें बचाव
धूप में बाहर न निकलें. खासतौर पर दोपहर 12 से 4 के बीच
हर घंटे पानी पीते रहें और दिन में कम से कम 5 लीटर पानी पीएं
बाहर का जंक फूड न खाएं
नींबू पानी और छाछ भी पीते रहें
सिर को कवर करके बाहर निकलें

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