Heatwave : दिमाग पर भी पड़ रहा भीषण गर्मी का असर, बिगड़ रही मेंटल हेल्थ
देशभर के अलग अलग हिस्सों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के कारण लोग हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं. लेकिन गर्मी अब दिमाग पर भी असर कर रही है. कई ऐसे केस सामने आ रहे हैं जिसमें भीषण गर्मी के कारण मानसिक सेहत भी खराब हो रही है. राजस्थान में ऐसे कई मामले रिपोर्ट किए गए हैं. जिन लोगों को पहले से कोई मानसिक बीमारी है उनकी सेहत ज्यादा खराब हो रही है. डॉक्टरों के मुताबिक, गर्मी का दिमाग पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, जिसकी वजह से ये परेशानी हो रही है.
डॉक्टरों के मुताबिक, हीट एंग्जाइटी की जद में आकर लोग बहकी बहकी सी बात करने लग रहे हैं. उनका व्यवहार चिढ़चिढ़ा हो रहा है. लोगों की नींद की साइकिल खराब हो रही है. इसका सीधा असर मेंटल हेल्थ पर हो रहा है.
गर्मी कैसे कर रही मेंटल हेल्थ खराब?
राजस्थान में वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ अनिल ताम्बी बताते हैं कि शरीर के तापमान को कंट्रोल रखने और पसीना निकालकर बॉडी को ठंडा करने में दिमाग का अहम रोल होता है, लेकिन तापमान बहुत ज्यादा बढ़ने की स्थिति में दिमाग के चारो तरफ मौजूद सुरक्षा वाली लेयर ब्लड-ब्रेन बैरियर टूटना शुरू हो जाता है. जिसके चलते दिमाग में प्रोटीन और आयरन जैसे पदार्थ जमा होने लग जाता है. इसके चलते ब्रेन में सूजन आना शुरू हो सकता है. दिमाग में ज्यादा प्रोटीन जमा होने की स्थिति में दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती है, जो किसी भी इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है.
इस समस्या के कारण ब्रेन के फंक्शन सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं. इससे मेंटल हेल्थ खराब हो सकती है. इस वजह से लोगों का व्यवहार चिढ़चिढ़ा हो जाता है और कई मामलों में लोग अजीब बातें भी करने लगते हैं.
हर साल सैकड़ों मौतें
डॉ ताम्बी ने बताया कि तेज गर्मी के चलते हर साल सैंकड़ो की संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. तेज गर्मी में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. डिहाइड्रेशन या या हीट स्ट्रोक होने पर इंसान के शरीर का तापमान 103 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर चला जाता है. इससे इंसान को हीटस्ट्रोक, मल्टी ऑर्गन फेलियर के साथ जान का जोखिम हो जाता है. हीट वेव कई मामलों में मौत का कारण भी बन जाती है.