Hepatitis In kerala : केरल में हेपेटाइटिस A से 12 मौतें, क्यों जानलेवा बन रही ये बीमारी, क्या है इलाज?

दक्षिण भारत के राज्य केरल में हर कुछ महीनों में किसी न किसी बीमारी का प्रकोप देखा जाता है. अब केरल में हेपेटाइटिस ए के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लिवर को खराब करने वाली इस बीमारी से केरल में 12 मौतें हो चुकी हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार इसको कंट्रोल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. हालांकि मामलों में फिलहाल कोई कमी नहीं दिख रही है.
हेपेटाइटिस ए के मामले केरल के मलप्पुरम, एर्नाकुलम, कोझिकोड और त्रिशूर में ज्यादा आ रहे हैं. राज्य में इस बीमारी के अबतक 2000 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. खराब हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. ये बीमारी केरल में घातक रूप ले रही है.
हेपेटाइटिस A क्या है और कैसे ये बीमारी जानलेवा बन जाती है? आइए इस बारे में जानते हैं.
क्या है हेपेटाइटिस ए
आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ सुभाष गिरी ने इस बारे में बताया है. डॉ सुभाष बताते हैं कि हेपेटाइटिस ए खराब पानी पीने और दूषित भोजन के कारण होता है. यह हर मरीज में गंभीर लक्षण नहीं करता है. अधिकतर मामलों में मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलो में ये बीमारी गंभीर बन जाती है. हेपेटाइटिस की वजह से लिवर में इंफेक्शन हो जाता है.
यह वायरस लिवर पर हमला करता है. इससे कुछ मरीजों को पीलिया भी हो जाता है और अगर समय पर इलाज न हो तो ये लिवर को खराब कर देता है. ये बीमारी लिवर फेल होने का कारण भी बन जाती है. ऐसी स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. अगर ये न हो तो इस स्थिति में मरीज की मौत होने का रिस्क होता है. अचानक लिवर के खराब होने से ही ये बीमारी मौत का कारण बनती है.
क्यों तेजी से फैल रही?
डॉ. सुभाष बताते हैं कि हेपेटाइटिस A भी एक तरीके का ऐसा संक्रमण है जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. जब किसी एक इलाके में अगर इसके मामले सामने आते हैं तो ये डिजीज तेजी से फैलने लगती है. संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध से भी हेपेटाइटिस ए होने की सबसे आशंका रहती है.
इसके अलावा संक्रमित ब्लड चढ़ाने और हेपेटाइटिस से जूझ रही गर्भवती मां से बच्चे में भी इसके जाने का खतरा रहता है. इस बीमारी के अधिकतर मरीज ठीक हो जाते हैं, लेकिन जिन लोगों को पहले से ही लिवर की कोई गंभीर समस्या रहती है, जो लोग शराब का सेवन करते हैं या लिवर में काफी फैट होता है उनको हेपोटाइटिस नुकसान कर सकता है.
क्या हैं लक्षण
थकान और कमजोरी
अचानक मतली और उल्टी होना
पेट में दर्द या बेचैनी
मिट्टी या भूरे रंग का मल
भूख में कमी
बुखार
गहरे रंग का पेशाब
जोड़ों का दर्द
त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना (पीलिया)
शरीर में तेज खुजली
क्या है इलाज?
सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में एचओडी प्रोफेसर डॉ जुगल किशोर ने इस बारे में बताया है. डॉ किशोर कहते हैं कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद है. अगर आपको हेपेटाइटिस ए के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें. इस वायरस के संपर्क में आने के दो सप्ताह के भीतर हेपेटाइटिस ए का टीका या इम्युनोग्लोबुलिन नामक एंटीबॉडी का इंजेक्शन आपको संक्रमण से बचा सकता है.
अगर आपको लग रहा है कि आप हाल ही में हेपेटाइटिस से संक्रमित हो चुके किसी व्यक्ति के निकट संपर्क में आए हैं तो भी आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. भले ही आपमें बीमारी के लक्षण अभी न आए हो. समय पर पहचान से हेपेटाइटिस को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
बार-बार हाथ धोते रहें
बाहर का भोजन खाने से बचें
साफ पानी पीएं और कोशिश करें कि पानी को उबाल लें और फिर ठंडा करके पी लें
बाहर कोई भी टॉयलेट इस्तेमाल करने से पहले और बाद में साबुन और पानी से हाथ धोएं
अगर उल्टी , दस्त जैसी परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *