High Court Decision: संयुक्त परिवार में बिना बंटवारे के कैसे बेची जा सकती है संपत्ति, हाईकोर्ट ने बताई ये बड़ी बात

हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कानूनी बिंदु का निर्धारण करते हुए साफ कर दिया है कि संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति या उसका कोई हिस्सा विधिवत बंटवारा किए नहीं बेचा जा सकता। हाई कोर्ट के इस ताजा आदेश को न्यायदृष्टांत के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण निरूपित किया जा रहा है।

हाई कोर्ट ने लंबे समय तक दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुनाया। इस आदेश में संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति से जुड़े प्राय सभी कानूनी बिंदुओं को विस्तार से समाहित किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला- 

न्यायमूर्ति अरुण कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश पारित किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2020 में विनीता शर्मा के मामले में सुनाए गए फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि बंटवारा हुए .

बिना ऐसी संपत्ति का सहस्वामी अपनी हिस्से की संपत्ति भी नहीं बेच सकता। इस मत के साथ हाई कोर्ट ने एक हिस्से के क्रेता ऊषा कनौजिया और रुक्मणि कनौजिया की द्वितीय अपील खारिज कर दी।

क्या था मामला-

छिंदवाड़ा निवासी सारु बाई, एकनाथ सहित सात अनावेदकों की ओर से पहले सिविल कोर्ट में 0.85 हेक्टेयर जमीन का दावा पेश किया था। अनावेदकों की ओर से अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी, रावेंद्र तिवारी व निशांत राय ने पक्ष रखा।

उन्होंने दलील दी कि पांड्रू ने उक्त जमीन ऊषा, रुक्मणी व भारती को बेच दी थी। आरोप लगाया गया कि पांड्रू ने अपने हिस्से से अधिक जमीन बेच दी थी, जबकि उसका बंटवारा भी नहीं हुआ था।

सिविल कोर्ट ने रजिस्ट्री शून्य कर जमीन को सात भागों में बांटकर अनावेदकों के नाम कर दिया था। इसके बाद ऊषा व रुक्मणी ने हाईकोर्ट में प्रथम अपील प्रस्तुत कर सिविल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी।

हाई कोर्ट ने प्रथम अपील निरस्त कर दी। दोनों ने पुन: द्वितीय अपील पेश की। हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट और प्रथम अपील के फैसले को उचित ठहराते हुए द्वितीय अपील भी निरस्त कर दी।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *