High Court Decision: अब किराएदार मकान पर नहीं कर सकता कब्जा, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

आमतौर पर हमें यह सुनने में आता है कि मकान मालिक अपने किराएदारों से काफी परेशान रहते हैं। वो भी तब जब नोटिस पीरियड खत्म होने के बाद भी किराएदार मकान खाली करने में आनाकानी (Reluctance to vacate the house) करते हैं।
या तो किराएदारों को रुपए देकर मकान खाली कराना पड़ता है। या फिर लंबे कानूनी पचड़ों में पड़कर अपना वक्त बर्बाद करना पड़ता है। लेकिन कुछ महीने पहले एक कोर्ट के (High Court Allahabad) फैसले मकान मालिकों को काफी राहत दी है।

अगर कोर्इ किराएदार (Tenant) मकान खाली नहीं कर रहा है तो कोर्ट की जजमेंट (Court Judgment) की काॅपी आपके के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। अइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन सा जजमेंट हैं।

इलाहाबाद हार्इकोर्ट ने सुनाया फैसला

अभी कुछ महीने पहले ही हाईकोर्ट इलाहाबाद (High Court Allahabad) ने किरादारी के मामले में एक फैसना सुनाया है। जिससे मकान मालिकों के लिए काफी बड़ी राहत लेकर आया है।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि किरायेदारी अवधि समाप्त होने के बाद यदि किराएदार कब्जा नहीं देता (tenant does not give possession) तो मकान मालिक नियमानुसार परिसर खाली करा सकता है। यही नहीं मकान मालिक जितने किराए पर मकान उठा सकता था, उतनी दर से क्षतिपूर्ति पाने का हकदार होगा।

कोर्ट ने दिया था यह आदेश

आपको बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी (Justice SP Kesharwani) ने जीटीबी नगर करैली, इलाहाबाद के डाॅक्टर आर अमीन खान की पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए दिया है।

मकान मालिक ने याची की किरायेदारी समाप्त कर दी और मकान खाली करने का अनुरोध किया। मकान खाली न करने पर मकान मालिक ने लघुवाद न्यायालय में एक वाद दायर किया।

उस वाद में उसके पक्ष में डिक्री हासिल हुई जिसे पुनरीक्षण याचिका दाखिल कर याची ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि किरायेदारी समाप्त (termination of tenancy) होने के बाद किरायेदार को मकान के कब्जे में बने रहने का हक नहीं है।

पूरे भारत में मौजूद है यह समस्या

कोर्ट का यह फैसला (High Court Decision) लोगों के लिए एक नजीर बन चुका है। जिसके बाद इस तरह के सभी के केसों में मकान मालिकों को फायदा मिलेगा। यह समस्या सिर्फ यूपी या दिल्ली की ही नहीं बल्कि पूरे देश की है।

जहां किराएदार अवधि समाप्त (tenancy expires) होने के बाद भीमकान मालिक को परेशान करते हैं। साथ ही उनसे रुपया एेंठने का भी काम करते हैं। एेसे में मामले कोर्ट में लंबे समय तक चलते हैं। जिस कारण मकान मालिक को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

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