Delhi NCR के इन फ्लैटों की सबसे ज्यादा डिमांड, खरीदारों की लगी लाइन
अगर घर की कीमत की बात करें तो 50 लाख से 1 करोड़ रुपये कीमत वाले मिड-सेगमेंट के घरों की मांग में जबरदस्त उछाल आया है. वहीं 1 करोड़ रुपये वाले घरों की सेल्स की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है.
पहले जहां लोग एनसीआर में सबसे ज्यादा 1 बीएचके या 2 बीएचके फ्लैट खरीदने के लिए उतावले रहते थे, वहीं अब देखा जा रहा है कि पिछले कुछ समय से दिल्ली-एनसीआर में बायर्स के बीच हाई रेंज वाली प्रॉपर्टी को लेकर डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है.
अधिकांश बायर्स अब छोटे घर खरीदने की जगह बड़े घरों को खरीदना पसंद कर रहे हैं. खासकर खरीदार वन BHK और टू BHK की जगह थ्री BHK फ्लैट को तरजीह दे रहे हैं.
थ्री बीएचके ने टू बीएचके को पछाड़ा
हाल ही में जारी एनारॉक की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के अलावा मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई और पुणे में 35 फीसदी लोगों ने 45 से 90 लाख रुपये कीमत वाले और 24 फीसदी लोगों ने 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपये कीमत वाला घर खरीदने को तरजीह दी है. ये सभी फ्लैट थ्री बीएचके हैं.
इन तीन शहरों में छोटे फ्लैट की मांग
एनारॉक कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे (H1 2023) से पता चला है कि मिड-रेंज और प्रीमियम घरों की मांग अधिक बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, 59 प्रतिशत घर खरीदार 45 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये की रेंज में घर खरीदने को तरजीह दे रहे हैं.
सर्वे के अनुसार 3 बीएचके की सबसे अधिक मांग बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे और दिल्ली-एनसीआर में दर्ज की गई, जबकि कोलकाता, एमएमआर और हैदराबाद में 2 बीएचके की अधिक मांग देखी गई. हालांकि बड़े घरों की मांग में कोई बदलाव नहीं देखा गया है.
गुरुग्राम बन रहा पहली पसंद
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा कहते हैं कि एनारॉक स्टडी से साफ है कि वर्तमान समय में भारतीय होम बायर्स बड़े घर को लेकर ज्यादा आकर्षित हुए हैं.
पिछले कुछ समय से दिल्ली एनसीआर में 3 बीएचके और हाई रेंज वाली प्रोपर्टी खरीदने को लेकर भारी मांग देखी जा रही है. खासकर गुरुग्राम हमेशा से एक ऐसा केंद्र रहा है जहां बड़े घरों की मांग का बाजार तैयार किया है.
गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड और सोहना क्षेत्र तेजी से विकसित होने वाले कॉरिडोर क्षेत्र में घरों की मांग बढ़ी है. अगर हम विशेष रूप से बात करेंतो 3 बीएचके में भी इंडिपेंडेंट फ्लोर होम बॉयर्स के बीच सबसे पसंदीदा निवेश श्रेणी बनकर उभरी हैं.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि हाइब्रिड कार्य सेटिंग्स और वर्क फ्रॉम होम मॉडल ने बड़े घरों की मांग को बढ़ावा दिया है क्योंकि वे अपने काम को कुशलतापूर्वक और आराम से करने के लिए एक बड़े आवास और अतिरिक्त जगह चाहते हैं.
निवेश के संबंध में बायर्स बड़े घरों के ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं जिससे लग्जरी रियल एस्टेट में भी ज्यादा लॉन्च देखे गए हैं. डेवलपर्स भी अब इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
कोरोना ने बताई ज्यादा कमरों की जरूरत
नवराज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर राज सिंह का कहना है कि बड़े घरों की डिमांड न केवल मेट्रो शहरों में है, बल्कि गुड़गांव के साथ-साथ आसपास तेजी से विकसित हो रहे रियल एस्टेट क्षेत्रों में भी है. पिछले कुछ समय से बायर्स बड़े घरों के ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं जिससे लग्जरी रियल एस्टेट में भी ज्यादा लॉन्च देखे गए हैं.
वहीं काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बाद लोगों के कामकाज करने और जीने के तौर-तरीकों में बदलाव देखा गया है जिससे बायर्स की सोच भी बदली है.
होम बायर्स अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक जगह और अतिरिक्त कमरों की मांग कर रहे हैं, जबकि महामारी से पहले 2BHK की मांग सबसे अधिक थी. इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में हाई रेंज वाली प्रोपर्टी की मांग और बढ़ेगी.