घर खरीदारों को राहत, नए सिस्टम से आसानी से मिलेगा रिफंड, नहीं लगाने पड़ेंगे रेरा के चक्कर
घर खरीदारों के लिए खुशखबरी है. डेवलपरों की गड़बड़ी का खामियाजा अब घर खरीदारों को नहीं भुगतना पड़ेगा. दरअसल, अब डेवलपरों के डिफॉल्ट होने के मामले में घर खरीदारों को आसानी से रिफंड मिल सकेगा. उन्हें फ्लैट या रिफंड के लिए बार-बार रेरा के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इसके लिए हाउसिंग मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों के रेरा को नई एडवाइजरी जारी की है ।
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाउसिंग मिनिस्ट्री के द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा को रिकवरी मेकानिज्म बनाने के लिए कहा गया है. इसके लिए मंत्रालय ने सभी रेरा को एडवाइजरी में कहा है कि वे गुजरात रेरा की तर्ज पर रिकवरी के अपने नियमों के तहत मेकानिज्म बनाएं. रेरा को रिकवरी ऑफिसर नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है.
समय से मिल सकेगा रिफंड
मंत्रालय ने तीनों सुझावों पर विचार करने के बाद ये एडवाइजरी जारी की है. हाल ही में सेंट्रल एडवाइजरी काउंसिल के तहत बनाई गई उप-समिति की दूसरी बैठक हुई थी, उसमें मंत्रालय ने गुजरात मॉडल को अपनाए जाने की बात कही. इस रिकवरी मेकानिज्म से घर खरीदारों को समय से रिफंड मिलना सुनिश्चित होने की उम्मीद की जा रही है.
मंत्रालय को कई शिकायतें मिली थीं कि रेरा के ऑर्डर के बाद भी घर खरीदारों को समय से रिफंड नहीं मिल पा रहा है. देश भर में घर खरीदार ऑर्डर के बाद भी रिफंड नहीं मिल पाने से परेशान हो रहे थे.
इनसे मिले सुझाव
मंत्रालय ने छह राज्यों तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक के रेरा से इस संबंध में सलाह मंगाया था. छहों रेरा को कहा गया था कि वे रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट के तहत जारी किए गए रिकवरी के आदेशों का प्रभावी तरीके से और समय से अनुपालन सुनिश्चित करने के तरीकों का सुझाव दें. मंत्रालय को तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र रेरा से सुझाव प्राप्त हुए थे.