मधुमक्खी का भोजन शहद जीवन के लिए है उपयोगी

सृष्टि के प्रारंभ से आज तक नवजात शिशु का पहला भोजन शहद है। बाकि भोजन को शरीर को पचाना पड़ता है। मगर शहद एक पचा पचाया भोजन है। खाने के तुरंत बाद शहद शरीर का हिस्सा बन जाता है। इसे पचाने के लिये आंतो को श्रम नहीं करना पड़ता। शहद खाने वाले बच्चों का शरीर तेजी से बढ़ता है व ताकतवर होता है।हर रोज एक चम्मच लेते रहने से निरोगी रहते हैं। कमजोर लोगों के लिये शहद अमृत है चाहे बच्चा हो या बूढ़ा। इसके गुणों के कारण यह टॉनिक माना जाता है। शहद में एक अनोखा गुण है, संसार की कोई भी मीठी चीज समय पाकर सड़ गल जाती है, पर शहद हजारों साल बाद भी ज्यों का त्यों ही रहता है। पानी में मिलकर पानी को अमृत बना देता है। शहद में दीर्घायु बनाने के तत्व हैं। शहद सेवन करने वाले बच्चे, मां का दूध पीने वाले बच्चों से भी ज्यादा हष्ट पुष्ट हो जाते हैं।शहद में विद्यमान, प्राकृतिक ग्लूकोज रक्त में मिलकर तुरंत स्फूर्तिवर्धक शक्ति देता है।शरीर के लिये आवश्यक, फॉसफोरस लौह, गन्धक, मैगनीज, पोटेशियम आदि खनिज द्रव शहद में होते हैं। शहद के एक बड़ा चम्मच में 75 ग्राम कैलोरी शक्ति होती है।

असली, नकली शहद की पहचान करें-

» शहद में तर रूई की बत्ती, तेल की बत्ती की तरह जल जाती है।

» 2.असली शहद पानी में डालने से तली में बैठ जाती है इसे घोलना पड़ता है। ये खुद नहीं घुलता।

» इसे कपड़े या कागज पर गिराये फिर उंगली से हटायें, दाग नहीं पड़ेगा।

» साधारण मक्खी पकड़ कर शहद की तली में छोड़ दीजिये वह अपने आप निकलकर उड़ जायेगी।

शहद के प्रयोग के प्रमुख नियम

» किसी कारणवश आप को शहद सूट नहीं किया तो या खाकर किसी तरह की परेशानी महसूस हो रही हो तो नींबू का सेवन करें।

» इसे आग पर कमी न तपायें।

» मांस, मछली के साथ शहद न खायें।

» शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानिकारक है।

» बाजरू चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत में विष मिलाने के समान है।

» शहद सर्दियों में गुनगुने दूध या पानी में लेना चाहिये।

» बच्चों को आधा चम्मच शहद रोज दें तथा बड़े एक बार में दस,पंद्रह ग्राम शहद लें एक साथ अधिक मात्रा में शहद न लें दिन में दो या तीन बार एक –एक चम्मच लें।

» घी, तेल, मख्खन में शहद विष के समान है।

» चाय, काफी में शहद अनुचित है।

» अमरूद, गन्ना, अंगूर, खट्टे फलों के साथ शहद अमृत है।

» 10.शरीर के लिये आवश्यक, फॉसफोरस लौह, गन्धक, मैगनीज, पोटेशियम आदि खनिज द्रव शहद में होते हैं।

» शहद के एक बड़ा चम्मच में 75 ग्राम कैलोरी शक्ति होती है।

शहद के उपयोग (मुख्य गुण)

» यदि रात सोने से पहले दूध के साथ शहद लिया तो बहुत अच्छी नींद आती है।

» दूध में शक्कर की जगह शहद लेने से गैस नहीं बनती पेट के कीड़े निकल जाते हैं।

» जुकाम होने पर शहद की भाफ लें व उसी पानी से कुल्ला करें।

» शहद त्वचा रोग में गुणकारी है।

» प्रतिदिन गुनगुने पानी से शहद लेने से मोटापा कम होता है।

» बच्चों के जब दांत निकलते हैं तब मसूड़ों पर शहद का लेप करें आसानी से दांत निकलेंगे।

» शहद से भयंकर कब्ज दूर होता है। ये शराब, तम्बाखू जैसी चीजों के कुप्रभाव को दूर करता है।

» शहद को मसूड़ों पर मलने से पायरिया नहीं होता।

» छोटे बच्चों को दूध पिलाने से पहले शहद चटा दें। फिर दूध पिलायें ये रोग निरोधक क्षमता बढ़ाता है।

» सौंदर्य वृद्घि में शहद का उपयोग होता है।

» बेसन, मलाई शहद मिलाकर त्वचा पर लगायें। थोड़ी देर बाद धो लें चेहरा चमकेगा ।

» शहद खाओ लम्बा जीवन पाओ- 100 ग्राम शहद 335 ग्राम ऊर्जा देती है। ये उन लोगों के लिये लाभकारी है जो किसी कारण वश शारीरिक, मानसिक, तनाव महसूस करते हैं। शहद में विद्यमान, प्राकृतिक ग्लूकोज रक्त में मिलकर तुरंत स्फूर्तिवर्धक शक्ति देता है। अपने रोज के खानपान में शहद भी शामिल करें। इसका इस्तेमाल बुद्धि, एवं आयुवर्धक है।

» ढलती उम्र तो उम्र की चिंता न करें, वह तो बीतेगी ही शहद लेते रहेंगे तो उम्र दुगुनी होती रहेगी। शहद में दीर्घायु के तत्व हैं। प्रतिदिन 25 ग्राम शहद जरूर लें पर सिर्फ शहद नहीं दूध या पानी के साथ।

» उल्टियां- किसी कारणवश उल्टी हो रही हो तो शहद चाटें रुक जायेगी। इसमें वमन रोकने की अतुल्य शक्ति है।

» ऐठन- मांसपेशियों में ऐठन हो तो सूजन, दर्द हो तो शहद चुपड़ दें पीड़ा दूर हो जायेगी।

» त्वचा का रोग, हो या जला कटा सब पर शहद लगायें। जादू सा असर दिखायेगा।

» खून की कमी- शहद खून को पानी बनने नहीं देता, दिन में तीन बार शहद का शर्बत पियें। एक चम्मच शहद, गुनगुने या ठंडे एक कप दूध में अमृत समान है। यदि गर्भिणी दो चम्मच शहद रोज गिलास दूध या पानी में ले तो जच्चा, बच्चा की दोनों की खुराक पूरी हो जायेगी।

» ढाई सौ ग्राम दूध लें फिर उसमें हल्दी तथा घी डालकर उबालें अब ठंडा करें जब हल्का गरम रह जाये तो 2 बड़े चम्मच शहद घोलकर पी जायें, टूटी हड्डी जोड़ने में तेजी से काम करेगा।

» निरोग बलवान संतान- 1 गिलास दूध गुनगुना, 1 चम्मच घी, 3 चम्मच शहद मिलाकर रोजाना पियें इसके साथ शतावरी चूर्ण फांक ले। जो पुरुष इस प्रयोग को करते हैं उनकी संतान निरोग, तंदरूस्त, बलवान, चरित्रवान होती है। कारण शहद इतना शुद्घ होता है कि उसकी बराबरी कोई दूसरी चीज नहीं कर सकती है। पुरूषों के शुक्राणुओं को शुद्ध रखता है।

» चेहरा- शुद्ध शहद में चुटकी भर सेंधा नमक, सिरका मिलाकर नियमित रूप से चेहरे पर मलकर 15 मिनट के लिये छोड़ दें, बाद में गुनगुने पानी से धोकर मलाई लगाये।चेहरे पर कोई दाग धब्बे नहीं रहेंगे।

» आंत में घाव कभी-कभी कोई स्ट्रॉंग दवा खाने से आंतों में घाव जाता है हो, तो 100 ग्राम पानी गुनगुना कर 10 ग्राम शहद मिलाकर घूंट-घूंट पियें। 2 घंटे बाद फिर से इसकी आधी मात्रा करके दोबारा लें।इस तरह रोज लेते रहें।

» आधा सीसा(माइग्रेन) अगर दांया सर जकड़ा हो तो बांये नाक में एक बूंद शहद टपका दें। यदि हिस्से में दर्द हो तो दांये में टपकाऐ।

» फ्लू- जुकाम, बुखार, बदन टूटना- गुनगुने दूध में आधा चुटकी खाने का सोड़ा, 1 चम्मच शहद मिलाकर घूंट-घूंट पी जायें। फिर चादर या कम्बल ओढ़कर लेटें व पसीना आने दें। बुखार तो ठीक करेगा साथ बुखार के बाद की कमजोरी को भी ठीक करेगा।

» आलस अधिक आता हो तो- रोटी, ब्रेड पर शहद लगाकर खायें। आलस नहीं आयेगा। चुस्ती फुर्ती बनी रहेगी। शहद का सेवन करने वाले कभी निठल्ले नहीं बैठ सकते कारण उनमें काम करने की अदभुत शक्ति व फुर्तिला पन बना रहता है।बच्चे हों या बड़े।

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