शराब से होने वाले विथड्रॉल लक्षण कितने खतरनाक?

हमे में सेहत पर मेल आया है हमारे एक व्यूअर का, जो नहीं चाहते थे हम उनका नाम लें. 32 साल के हैं. वो पिछले 9 सालों से लगभग रोज़, शराब का सेवन करते आए हैं. पिछले साल से उनकी तबियत में भारी गिरावट आई है.

डॉक्टर ने उन्हें सख्ती से शराब छोड़ने को कहा है. ऐसा करने की वो पूरी कोशिश भी कर रहे हैं. लगभग 15 दिनों से उन्होंने शराब को हाथ नहीं लगाया है. पर शराब छोड़ने के बाद, उनके शरीर में कुछ ऐसा होना शुरू हो गया है, जो पहले कभी नहीं हुआ. उन्हें नींद नहीं आती. हाथ कांपते हैं. ठंड में भी पसीना आता है. घबराहट होती है. कुल मिलाकर उनका बुरा हाल है. वो जानना चाहते हैं ऐसा क्यों हो रहा है और इसका इलाज क्या है?

दरअसल हमारे व्यूअर को जो लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें विथड्रॉल सिम्प्टम कहतें हैं. किसी भी नशे का लगातार सेवन करने के बाद, जब अचानक से उसे छोड़ा जाता है तब ऐसे लक्षण महसूस होते हैं. ऐसा सबके साथ होता है. पर अगर ये लक्षण गंभीर हो जाएं तो डॉक्टर को दिखाना बेहद ज़रूरी है. चलिए सब से पहले ये जान लेते हैं कि एक महीना शराब न पिएं तो शरीर में क्या होता है?

एक महीना शराब न पिएं तो शरीर में क्या होता है?
(जानिए डॉ. राजेश कुमार से)

(Dr. Rajesh Kumar, Associate Director, Internal Medicine, Paras, Gurugram )
(डॉ. राजेश कुमार, एसोसिएट डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, पारस, गुरुग्राम )

इसके फायदे इससे होने वाले नुकसान से जुड़े हैं. शरीर को जो नुकसान होता है, आप उससे बचते हैं. जैसे लिवर या किडनी में होने वाले हेपाटो रीनल सिंड्रोम (hipatorenal syndrome) से बचाव होता है. कुछ लोगों दिल पर भी असर होता है. जैसे दिल का नॉर्मल पम्पिंग रेट 55 % होता है. शराब की वजह से पम्पिंग रेट 15-20% हो जाता है. इसके अलावा सांस लेने में, चलने में समस्या होती है. शराब की वजह से डिप्रेशन भी हो सकता है. इसको लम्बे समय तक पीने से दिमाग पर भी असर होता है. शराब छोड़ने से आप इन सब समस्याओं से बच सकते हैं

अचानक शराब छोड़ने पर क्या दिक्कतें होती हैं?

जो लोग लंबे समय से ज़्यादा मात्रा में शराब पी रहे हैं और अचानक शराब छोड़ देते है, तो उन्हें विथड्रॉल लक्षण का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा शराब दिमाग को डिप्रेशन महसूस करवाती है. शराब दिमाग में उत्तेजना पैदा करने वाले सेल्स को दबा देती है.

विथड्रॉल लक्षण कितने खतरनाक हो सकते हैं?

ये तीन तरह के होते हैं. माइल्ड (हल्के), मॉडरेट (मध्यम) और सीवियर (खतरनाक). माइल्ड में बहुत कम लक्षण होते हैं. जैसे घबराहट होना, बेचैनी होना, नींद नहीं आना और एंग्जायटी. जो लोग कम शराब पीते हैं और ज़्यादा समय से नहीं पी रहे हैं, उनमें ये लक्षण दिखते हैं. 6 घंटे के अंदर ये लक्षण आने लगते हैं. अगले 12-24 घंटे तक मरीज़ की स्थिति ऐसी ही बनी रहती है, तो ये अच्छी बात है. यानी इससे ज्यादा तबियत ख़राब नहीं होगी. जो लोग बहुत समय से और ज़्यादा मात्रा में शराब पीते आ रहे हैं और अचानक छोड़ देते हैं, उनकी तबियत काफी ख़राब हो सकती है. जैसे 6-12 घंटे के अंदर बहकी-बहकी बातें करने लगेंगे. अचानक चीज़ें दिखनी या सुनाई देना शुरू हो जाती हैं. कुछ को दौरा भी पड़ जाता है. इस स्थिति में अच्छे से अच्छे इलाज के बाद भी 1-5% मरीजों को बचाया नहीं जा सकता. सबसे गंभीर स्थिति का नाम डेलिरियम ट्रेमेन्स है. इसमें बाकी लक्षणों के साथ और भी समस्याएं होती हैं. जैसे बीपी बढ़ना, बहुत पसीना आना, तेज़ बुखार आना, बहुत तेज़ घबराहट होना. ये हाल 6-7 दिनों तक रह सकता है. अगर सही इलाज नहीं मिला तो 15% लोगों की मौत भी हो जाती है.

इलाज

इलाज में डेक्सट्रोज (ग्लूकोज़) और मल्टी विटामिन की ज़रूरत होती है. थायमिन का इंजेक्शन भी बहुत ज़रूरी होता है. इस चीज़ पर ध्यान देना भी जरुरी है कि मरीज़ ने शराब पीना शुरू क्यों किया?उसकी मानसिक स्थिति क्या थी? क्या फैमिली इशू था या पैसे की समस्या थी? इन सबको भी समझना और इसपर काम करना ज़रूरी है. शराब छोड़ दी, बहुत बढ़िया बात है. पर अगर आप विथड्रॉल सिम्प्टम से परेशान हैं तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. क्योंकि कुछ केसेस में ये गंभीर रूप ले सकते हैं.

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