कितना महंगा पड़ता है ये सस्ता नशा? देश में बैन फिर भी चोरी-छिपे हो रहा है यूज
सस्ते नशे की बात की जाती है, तो इसमें ज्यादातर सूखे नशे आते हैं. जैसे भांग, गांजा, रिमूवर और न जानें क्या-क्या. अब इस कैटेगरी में ई-सिगरेट भी शामिल हो गई है. क्योंकि इसके हेल्थ पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को देखकर कई राज्य सरकारों ने इसे बैन कर दिया है. फिर भी चोरी-छिपे बहुत से लोग ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ई-सिगरेट आमतौर पर बाजार में आने वाली दूसरी सिगरेट के मुकाबले सस्ती पड़ती है और इसे कैरी करना भी आसान होता है. वहीं ई-सिगरेट के धुंए में बदबू नहीं आती है, जबकि नॉर्मल सिगरेट के धुएं से आप किसी के सिगरेट पीने की बात को पहचान जाओगे. आइए जानते हैं ये सस्ता नशा किस तरीके से लोगों के लिए महंगा साबित हो रहा है.
ई सिगरेट इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम डिवाइस है. ये बैटरी से चलती है और यूज करने पर शरीर में निकोटिन पहुंचाती है. इसमें नॉर्मल सिगरेट की तरह तंबाकू का यूज नहीं होता है. ई सिगरेट में एक कार्टेज मे लिक्विड निकोटिन भरा होता है, जिसे खत्म होने पर रिफिल किया जाता है. साथ ही सिगरेट के दूसरे हिस्से में बल्ब लगा होता है जो कश लेने पर जलता है. इस सिगरेट मे लिक्विड निकोटिन गर्म होकर भाप बन जाता है और धुएं के फॉर्म में फेफड़ों तक पहुंचता है.
ई-सिगरेट के नुकसान
ई सिगरेट में कई केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें से वेपर निकलता है हालांकि ये नॉर्मल सिगरेट से कम नुकसानदायक होती है पर ई-सिगरेट में भी केमिकल्स होते हैं जिससे कई नुकसान हो सकते हैं. आज के युवा ज्यादा कूल दिखने के लिए भी शौक में ई-सिगरेट पीते हैं पर धीरे धीरे इसकी आदत पड़ जाती है वेपर की जिसकी वजह से लंग्स को नुकसान पहुंचता है. केमिकल्स की वजह से और इसको लगातार इस्तेमाल करने से नॉर्मल स्मोकिंग की आदत भी पड़ जाती है क्योंकि वो खुद को इसे पीने से नहीं रोक पाता. ई-सिगरेट से नॉर्मल सिगरेट में स्वीच होना इनके लिए आसान हो जाता है.
देश में बैन, फिर भी धड़ल्ले से यूज
भारत सरकार सितंबर 2019 में देश में ही ई-सिगरेट पर बैन लगा था लेकिन इसके बावजूद सिगरेट की दुकानों और ऑनलाइन मार्केटप्लेस में यह आसानी से उपलब्ध है. भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली ई-सिगरेट ऐसी हैं जिन्हें एक बार यूज करने के बाद दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इनकी कीमत 500 रुपये से 3500 रुपये तक है.