तंग गलियों से रेलवे स्टेशन, राम मंदिर के बहाने कितनी बदल गई अयोध्या?

राम मंदिर का निर्माण जैसे-जैसे तेज हुआ है अयोध्या शहर का विकास भी तेज हो चला है. सड़कें बनी हैं और बन भी रही हैं. गालियां चौड़ी हो रही हैं. मुख्य सड़क के किनारे अतिक्रमण हटाकर उसे भी चौड़ा किया गया है.

जरूरत पड़ने पर दुकानें-मकान भी टूटे हैं. यह काम गलियों में भी हुआ है. एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन का शानदार नजारा बना हुआ है. कई पंचतारा होटल बनने वाले हैं. नव्य अयोध्या में आवासीय कालोनी भी बनने को तैयार है. कई राज्य सरकारों ने अतिथि गृह बनाने की घोषणा भी कर रखी है. यह सब वाकई बेहद खूबसूरत होने वाला है.

पार्किंग की समस्या

पर, आज जब अयोध्या में राम मंदिर में रामलला विराजने जा रहे हैं तब अयोध्या को कुछ ज्यादा संसाधन की जरूरत पड़ेगी. और इस दिशा में अफसरों का अध्ययन शायद नहीं है क्योंकि ऐसी कोई व्यवस्था देखने में सामने नहीं आ रही है. अयोध्या के लोगों को यह भी शिकायत है कि सरकार इसे पर्यटन नगरी बनाने पर तुली हुई है जबकि इसका धार्मिक स्वरूप बने रहना चाहिए. विकास की इस मजबूत राह पर तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रशासन हर जगह रोक-टोक तो कर रहा है लेकिन विकल्प नहीं दे रहा है.

जगह-जगह सुरक्षा के नाम पर बैरियर लगा दिए गए हैं लेकिन यात्रियों को यह बताने वाला कोई नहीं है कि श्रद्धालु गाड़ी कहाँ पार्क करें? हास्यास्पद यह है कि राम मंदिर से कोई आठ-नौ किलो मीटर दूर कचहरी पर बनी पार्किंग को अफसरों ने ऐसा प्रचार किया जैसे स्वर्ग बन गया हो और इसका लाभ श्रद्धालुओं को मिलने जा रहा है.

 

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