JN.1 को हल्के में लिया तो पड़ेगा भारी, कोरोना के नए वैरिएंट पर एक्सपर्ट ने दी चेतावनी; बचाव के उपाय भी बताए
जेएन.1 के तौर पर नया वैरिएंट आने के बाद देशभर में कोरोना के केसेज में उछाल आया है। अभी तक पूरे देश में कुल 3742 ऐक्टिव केसेज सामने आ चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक रविवार को एक दिन में यहां पर कुल 322 नए केसेज सामने आए। इस बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर चेतावनी भी जारी की है। इसके मुताबिक जेएन.1 को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि पहले की ही तरह भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें। अगर जाना भी पड़े तो मास्क समेत दूसरे उपाय करके ही बाहर निकलें।
असावधानी बरतना होगा खतरनाक
डॉक्टरों का कहना है कि यह वैरिएंट मूलरूप से ओमिक्रॉन से आया है। इसलिए इसकी वेव्स आएंगी यह तो तय हैं। आज तक के मुताबिक मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर नरेश त्रेहन ने बताया कि विदेशों में तो हालत और ज्यादा खराब है। उन्होंने कहाकि अमेरिका में तो लोग अस्पतालों में भर्ती होने लगे हैं। डॉक्टर त्रेहन ने बताया कि जो ट्रेंड हमें भारत में दिख रहा है, वही ट्रेंड अन्य देशों में हो चुका है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहाकि जेएन1 को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। इसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। डॉक्टर त्रेहन ने कहाकि लोग सोचते हैं कि इसके लक्षण बहुत घातक नहीं हैं और फिर असावधानी बरतने लगते हैं। लेकिन ऐसा करना घातक हो सकता है।
कैसे करें अपना बचाव
डॉक्टर नरेश त्रेहन ने बताया कि जो हालात हैं उसको देखते हुए बहुत जरूरी है कि लोग कोविड उचित व्यवहार करें। जिस तरह से पहले लोग करते थे कि मास्क लगाकर निकलते थे। सोशल डिस्टेंसिंग बरतते थे। उन तमाम चीजों को फिर से प्रैक्टिस में लाने की जरूरत है। अगर बाहर जाना बहुत जरूरी है तो एन95 मास्क लगाकर ही निकलें। इसके अलावा बूढ़े, पहले से बीमार, डायबिटीज पीड़ितों को और अधिक सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहाकि यह सर्दी का मौसम है। पॉल्यूशन है और ऐसे में निमोनिया होने का खतरा है। निमोनिया मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। इसी में कुछ मरीज कोरोना के भी हो सकते हैं। इसलिए काफी ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या सभी को कराना चाहिए टेस्ट
जेएन.1 के सिम्पटम्स भी सर्दी, खांसी, जुकाम वाले ही हैं। ऐसे में क्या इस तरह के लक्षणों पर सभी को टेस्ट कराना चाहिए। इस पर डॉक्टर्स का कहना है कि हर किसी को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हां, अगर बुखार तेज आ रहा है। खांसी काफी ज्यादा है, खांसी के साथ खून आने की शिकायत है तो डॉक्टर को जरूर कंसल्ट करना चाहिए। फिर वहां पर डॉक्टर तय करेगा कि आपका इलाज किस तरह से किया जाना चाहिए। अगर हल्के-फुल्के लक्षण हैं तो खुद को आइसोलेट करके रखने की जरूरत है। साथ ही मास्क लगाकर रखें और परिवार के लोगों से संपर्क कम कर दें।
बूस्टर डोज लगवाना चाहिए या नहीं
इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहाकि सरकार की गाइडलाइंस का इंतजार किया जा रहा है। अब सरकार जिस तरह की गाइडलाइंस जारी करेगी, उसकी हिसाब से फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा जिन लोगों ने पहले से वैक्सीन लगवा रखी है, उन्हें बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर त्रेहन के मुताबिक लोगों में इम्यूनिटी है। हां, सावधानी जरूर रखें। लेकिन अगर लक्षण सीवियर हैं तो फिर डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए।