काश! बचपन में ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता… भावुक हुए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र के सोलापुर के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने कई प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत आज सबसे बड़ी सोसाइट का लोकर्पण हुआ है और मैं देखकर आया हूं कि काश बचपन में मुझे भी ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता… ये बातें कहते हुए पीएम के आंसू निकल आए और और वह कुछ सेकंड के लिए चुप हो गए. इसके बाद रुदे गले से पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये चीजें जब देखता हूं तो मन को इतना संतोष होता है कि हजारों परिवारों के सपने साकार हो रहे हैं. यही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है.
पीएम मोदी ने अध्योध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये समय हम सभी के लिए भक्ति-भाव से भरा हुआ है. 22 जनवरी को वो ऐतिहासिक क्षण आने वाला है, जब हमारे भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं. हमारे आराध्य के दर्शन टेंट में करने की दशकों पुरानी पीड़ा अब दूर होने जा रही है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कुछ संतों के मार्ग दर्शन में मैं अपने यम नियमों में व्यस्त हूं और मैं उसका कठोरता से पालन कर रहा हूं. ये भी संयोग है कि मेरे अनुष्ठान की शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक से पंचवटी की भूमि से हुई.
महाराष्ट्र में पीएम आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए बनी सबसे बड़ी सोसायटी के लोकार्पण की बात करते हुए अपने बचपन को याद कर भावुक हुए प्रधान सेवक श्री @narendramodi। pic.twitter.com/oo9Khn22Hy
— BJP (@BJP4India) January 19, 2024
हमारी सरकार पहले दिन से प्रयास रहा श्रीराम के आदर्शों पर चले- पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पहले दिन से प्रयास कर रही है कि श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन हो, देश में ईमानदारी का राज हो. ये रामराज्य ही है कि जिसने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की प्रेरणा दी है. 2014 में सरकार बनते ही मैंने कहा था, ‘मेरी सरकार गरीबों के लिए समर्पित सरकार है.’ इसलिए हमने एक के बाद एक ऐसी योजनाएं लागू कीं, जिससे गरीबों की मुश्किलें कम हों और उनका जीवन आसान बने.
पहले गरीबों के हक का पैसा बिचौलिए लूट ले जाते थे- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लंबे समय तक गरीबी हटाओ के नारे लगते रहे, लेकिन गरीबी नहीं हटी. गरीबों के नाम पर योजनाएं तो बनाई जाती थीं, लेकिन उनका लाभ गरीबों को नहीं मिलता था. उनके हक का पैसा बिचौलिए लूट जाते थे. पहले की सरकारों की नीति, नीयत और निष्ठा कठघरे में थी. विश्वकर्मा साथियों का जीवन बदलने के लिए हमने ”पीएम विश्वकर्मा योजना” बनाई है. इस योजना के तहत इन साथियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, आधुनिक उपकरण दिए जा रहे हैं. विकसित भारत के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाना जरूरी है और आत्मनिर्भर भारत बनाने में हमारे छोटे, लघु और कुटीर उद्योगों की बहुत बड़ी भागीदारी है. इसलिए केंद्र सरकार, MSME को, छोटे उद्योगों को लगातार बढ़ावा दे रही है.