प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए तो…कांग्रेस नेता ने अपनों पर ही उठा दिया सवाल; राम मंदिर पर पार्टी में अनबन

प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए तो...कांग्रेस नेता ने अपनों पर ही उठा दिया सवाल; राम मंदिर पर पार्टी में अनबन

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले इस मामले पर जमकर सियासत भी हो रही है। कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने शनिवार को कहा कि 22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन पर जिन लोगों को आमंत्रण दिया गया है और अगर वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं तो यह उनका दुर्भाग्य होगा। उन्होंने यह बयान कर्नाटक के मंत्री दशारथैया सुधाकर के बाद दिया है जिन्होंने कहा था कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को भाजपा उसी तरह भुना रहा है जिस तरह से 2019 के चुनाव से पहले पुलवामा को भुनाया था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि वह भी मंदिर के समर्थन में हैं और यह एक अच्छी खबर है। इससे पहले सिद्धारमैया ने यह भी कहा था कि वह भी एक हिंदू हैं और वह भी गांवों में राम मंदिर बनवाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। सिद्धारमैया ने कहा, हम अयोध्या में राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं। ना तो हम राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ थे। हम हमेशा से ही इसके समर्थक रहे हैं।

वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के कार्यक्रम का राजनीतीकरण नहीं होना चाहिए। आप प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर सकते हैं, उनके फैसलों का विरोध कर सकते हैं लेकिन कुछ लोग मोदी का विरोध करके खुद को ही बर्बाद कर रहे हैं। कुछ विपक्षी नेताओं ने अपनी ही सरकार को गिरा दिया। यह सब बर्बादी की निशानी है। उन्होंने कहा, यह नकारात्मक ऊर्जा है। ये लोग नास्तिक और नकारात्मक लोग हैं। जो लोग राम का विरोध करते हैं उनके लिए राजनीति में भी जगह नहीं होनी चाहिए।

कृष्णम ने कहा, भारत के लोग इस तरह की नकारात्मकता को पसंद नहीं करते हैं। यह हमारी सभ्यता नहीं है। हमारी संस्कृति तो यह है कि अगर दुश्मन के घर पर भी त्योहार मनाया जाए तो खुशी होनी चाहिए। यह सभी का त्योहार है। पूरे देश के लिए पर्व है। बता दें कि शिवसेना यूबीटी के चीफ उद्धव ठाकरे और सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस कार्यक्रम की आलोचना की है। सीताराम येचुरी को कार्यक्रम का न्योता भी मिला है लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, और अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि उनकी तरफ से अब तक कोई रुख साफ नहीं किया गया है।

कर्नाटक के मंत्री डी सुधाकर ने कहा, राम मंदिर का उद्घाटन ए स्टंट है। लोग मूर्ख नहीं हैं। हमें दो बार मूर्ख बनाया गया है। हमें विश्वास है कि तीसरी बार मूर्ख नहीं बनाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए धन और ईंटों का सहयोग किया था।

 

 

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