अगर किसी बैंक में आपका भी खाता है तो जान लें जरुरी बातें, RBI ने लागू किया 3 बड़े नियम
बैंकों का काम आये दिन व्यापारियों और आम आदमी को पड़ता ही रहता है। ऐसे में बैंक से जुड़ी सभी जानकारियां अपने पास रखना काफी महत्वपूर्ण है। आज के इस लेख में हम आपको बैंक के एक बदले हुए नियम के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में सभी को पता होना चाहिये।
दरअसल, हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कॉन्टैक्टलेस कार्ड से लेन देन की सीमा को 2,000 रुपये प्रति लेनदेन से बढ़ा कर 5,000 रुपये कर दिया है। ये फैसला डिजिटल भुगतान को सुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई द्वारा किया गया है। साल 2020 में आरबीआई के गवर्नर ने ये प्रस्ताव रखा था और अब इसे लागू कर दिया गया है।
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर आरबीआई के वक्तव्य के अनुसार कॉन्टैक्टलेस कार्ड लेनदेन और आवर्ती लेनदेन के लिए कार्ड (और यूपीआई) पर ई-मैंडेट ने प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग से लाभ उठाते हुए सामान्य रूप से ग्राहक सुविधा को बढ़ाया है। ये विशेष रूप से वर्तमान महामारी के दौरान सुरक्षित और सुरक्षित तरीके से भुगतान करने के लिए भी उपयुक्त हैं।
कार्डों पर कॉन्टैक्टलेस सुविधा को अक्षम करने और ग्राहकों को कॉन्टैक्टलेस कार्ड लेनदेन की सीमा को नियंत्रित करने और कार्ड (और UPI) के माध्यम से आवर्ती लेनदेन के लिए ई-मैंडेट को 1 जनवरी, 2021 से 2,000 रुपये से 5,000 रुपये तक सीमित कर दिया गया है।
क्या है कॉन्टैक्टलेस कार्ड?
कॉन्टैक्टलेस कार्ड नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) तकनीक का उपयोग करते हैं, जिससे ग्राहक कार्ड को भौतिक रूप से स्वाइप किए बिना तकनीक से सक्षम भुगतान टर्मिनलों पर लेन देन कर सकते हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर खरीद मूल्य 2,000 रुपये से कम है तो ऐसे लेनदेन के लिए ग्राहकों को पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है।
आरबीआई के अनुसार, “एक कॉन्टैक्टलेस एनएफसी कार्ड में, कार्ड रीडर को रख कर कार्ड को पढ़ा जाता है। मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड की तुलना में ईएमवी चिप और पिन कार्ड और कॉन्टैक्टलेस एनएफसी कार्ड को अधिक सुरक्षित माना जाता है”। अगर आप भी बैंक के ग्राहक हैं और आपका आये दिन बैंक का काम पड़ता है, तो ये जानकारी आपके काफी काम आने वाली है।