क्रिप्टोकरेंसी में लगा रहे हैं पैसा तो आपके लिए जरूरी खबर
वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय खुफिया इकाई ने मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून का अनुपालन न करने के लिए बिनेंस और कुकोइन जैसे नौ विदेश से चलने वाले क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति प्लेटफार्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन नौ संस्थाओं के यूआरएल होंगे ब्लॉक
वित्तीय खुफिया इकाई ने भारत में मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के प्रावधानों का अनुपालन किए बिना अवैध रूप से काम कर रही इन नौ संस्थाओं के यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी लिखा है। बिनेंस और कुकॉइन के अलावा, अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर हुओबी, क्रैकेन, गेट.आईओ, बिट्ट्रेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफेनेक्स हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अधिनियम के तहत वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर पर रिपोर्टिंग, रिकॉर्ड रखने और अन्य दायित्व हैं जिसमें एफआईयू आईएनडी के साथ रजिस्ट्रेशन भी शामिल है। मार्च में सरकार वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर को पीएमएलए के प्रावधानों के दायरे में लाई थी। अब तक, 31 वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर ने वित्तीय खुफिया इकाई के पास रजिस्ट्रेशन कराया है।
क्रिप्टो निवेशकों की कुल संख्या 1.9 करोड़ से अधिक
गौरतलब है कि देश में क्रिप्टो निवेशकों की कुल संख्या 1.9 करोड़ से ज्यादा है और इनमें करीब नौ फीसदी महिला निवेशक हैं। कॉइनस्विच की रिपोर्ट के मुताबिक देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले 75 फीसदी युवा हैं और इनकी उम्र 18 से 35 साल के बीच है। सिर्फ दिल्ली, बेंगलूरु और मुंबई जैसे महानगरों में क्रिप्टो निवेश के कुल मूल्य का पांचवां हिस्सा है। मूल्य के हिसाब से क्रिप्टो में निवेश के मामले में दिल्ली देश भर में शीर्ष स्थान पर है।