ये लक्षण दिख जाए तो समझ जाना चाहिए की नसों में कंट्रोल से बाहर हो रहा है आपका डायबिटीज…! अपनाएं ये तरीका
आजकल डायबिटीज एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है, जो सामान्यतः छोटे से बच्चे से लेकर वयस्क में भी देखी जा सकती है। डायबिटीज में रोगी का खून का शुगर स्तर बढ़ जाता है और यह शुगर स्तर इतना ऊँचा हो जाता है कि नसों के फटने का खतरा भी पैदा हो सकता है। इस परिस्थिति को लेकर डायबिटीज न्यूरोपैथी कहती है कि यह पूरे शरीर में नसों के प्रभाव को दिखाता है।
डायबिटीज न्यूरोपैथी में पूरे शरीर में सेंसेशन की बदलती होती है। इसमें मुख्य रूप से हाथ और पैर की नसों के डैमेज का खतरा बना रहता है। डायबिटिक न्यूरोपैथी में दर्द की अनुभूति बहुत ज्यादा होती है। इसके साथ ही पाचन शक्ति पर भी असर पड़ता है, जिसके कारण बाथरूम जाने में परेशानी होती है और इसका हमारे हृदय पर भी प्रभाव पड़ता है।
एक रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज के सभी मरीजों को डायबिटीज न्यूरोपैथी के साथ निपटना पड़ता है। शुगर लेवल को नियंत्रित करके उसे कंट्रोल किया जा सकता है, और यदि आप इस स्टेज तक कंट्रोल कर लेते हैं, तो शायद आप उस दौर तक नहीं पहुंच पाएंगे। डायबिटीज में नसों के डैमेज होने से पहले हमारे शरीर में उसके विभिन्न लक्षण दिखाई देने लगते हैं। चलिए, अब हम जानते हैं कि कौन-कौन से लक्षण होते हैं।
नस डैमेज होने का संकेत
क्लीनिक के अनुसार, डायबिटिक न्यूरोपैथी में नसों के डैमेज होने से पहले कुछ संकेत दिखना शुरू हो जाते हैं। सबसे पहले, हाथ और पैरों की नसें दिखनी शुरू हो जाती हैं। हाथ और पैरों के अंगूठों और उंगलियों में सेंसेशन (ज्ञान) की अनुभूति होती है। हाथ और पैरों में कपकपाहट, सुन्नपन, वार्निंग, और दर्द का अनुभव होता है। इसके साथ ही, शरीर के सभी अंग भी सुन्न हो जाते हैं।
जब शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो नसों की दीवार कमजोर हो जाती है। इसके कारण हमारे शरीर में नसों के फटने का खतरा बना रहता है। इससे ब्लड का फ्लो भी प्रभावित होता है और ब्लड शुगर भी उच्च बना रहता है।
न्यूरोपैथी के डायबिटीज वाले लक्षण
यहां कुछ डायबिटीज के न्यूरोपैथी लक्षणों की सूची है:
- हाथ और पैर की नसों में दर्द और तकलीफ
- सुन्नता और अंतहीनता का अनुभव
- हाथ और पैरों में कपकपाहट या अंधापन की अनुभूति
- ऊँगलियों और अंगूठों के सेंसेशन में परिवर्तन
- तालु के क्षेत्र में दर्द और तनाव का अनुभव
- छाती और पेट के क्षेत्र में सुन्नता या अंतहीनता का अनुभव
- पेशाब करने में असुविधा या नियमितता की कमी
- सांस लेने में कठिनाई या उच्चतम श्वास दर
- नक्सीर और सुनाई देने में कमी
- आंखों के सामान्य कार्यों की असुविधा जैसे कि दृष्टि की कमजोरी, आँखों में सूजन या जलन, या आँखों की खराबी
यदि आपको किसी व्यक्ति द्वारा डायबिटीज न्यूरोपैथी के लक्षणों का संबंधित चिकित्सा परीक्षण या उपचार की आवश्यकता है, तो कृपया एक प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श करें।
न्यूरोपैथी को कैसे करेगा कंट्रोल डायबिटीज
डायबिटिक न्यूरोपैथी को तुरंत कंट्रोल करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी एक लक्षण आपको पहचान में आता है, तो आपको समझ लेना चाहिए कि आपको डायबिटिक न्यूरोपैथी हो सकती है। इसके लिए आपको तत्परता से किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए और उचित इलाज करवाना चाहिए। इसको नजरअंदाज न करें, क्योंकि यदि नसों में डैमेज हो जाता है, तो आपको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
डायबिटीज के मरीजों को समय-समय पर दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए। साथ ही, शारीरिक गतिविधि भी अपने दिनचर्या में शामिल करनी चाहिए। स्वस्थ और उपयोगी आहार के साथ अपने खान-पान का ध्यान रखना आवश्यक है। आप खाने-पीने की एक चार्ट तैयार करके उसके अनुसार आहार ले सकते हैं। इसके साथ ही, टेंशन और स्ट्रेस को भी कम करने की कोशिश करें, क्योंकि ये बीमारी को और भी बढ़ावा देते हैं। पर्याप्त नींद लेना भी महत्वपूर्ण है।