IIT Kanpur : मुंह के कैंसर का आसानी से चल सकता है पता, आईआईटी कानपुर ने विकसित किया ऐसा डिवाइस
आईआईटी कानपुर ने मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए एक नया डिवाइस विकसित किया है. यह मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए एक पोर्टेबल डिवाइस है, जिसका आविष्कार केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम ने किया है. यह डिवाइस मुंह की जांच करने के लिए विशेष रोशनी और कैमरे का उपयोग करता है, मुंह की छवियों का विश्लेषण करके और उन्हें सामान्य, कैंसर से पहले या कैंसर होने की आसानी से पहचान कर सकता है. इसके परिणाम स्मार्टफोन ऐप पर दिखते होते हैं और निरंतर अपडेट के लिए क्लाउड सर्वर पर आते हैं.
इस डिवाइस में सफेद और प्रतिदीप्ति रोशनी जो स्मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड आदि से वायरलेस तरीके से जुड़ता है. इसमें पावर बैकअप के साथ, यह ट्रैकिंग के लिए हेल्थ हिस्ट्री का भी पता लगा देता है. इसकी क्लिनिकल सेटिंग्स में 90% सटीकता के साथ जल्दी और दर्द रहित जांच होती है. यह सुरक्षि और रेडियोलाइनट-मुक्त है. इसके लिए किसी दूसरे केमिकल की जरूरत नहीं होती है. यह डिवाइस बहुत कम समय में कैंसर की स्क्रीनिंग कर लेता है. उम्मीद है कि जल्द ही यह उपरण बाजार में आएगा. आईआईटी ने इस डिवाइस को स्कैनजेनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड को दिया है.
कैंसर का जल्द चलेगा पता
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी कानपुर स्वास्थ्य सेवा नवाचार को आगे बढ़ाने और गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने के लिए अथक प्रयास कर रहा है, और मुझे हमारी अभिनव तकनीक, ‘मुंह परीक्षक’ को स्कैनजेनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित होते देखकर खुशी हो रही है. मैं प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम को उनके असाधारण काम के लिए हार्दिक बधाई देता हूं. उनके समर्पण ने इस सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया है, जो मौखिक कैंसर का जल्द पता लगाने, स्वास्थ्य परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बनाने और समाज पर हमारे शोध के गहन प्रभाव को प्रदर्शित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है.
हर साल बढ़ रहे केस
भारत में कैंसर के मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं. साल 2022 में इस बीमारी के 14 लाख से अधिक केस आए थे. यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. कैंसर की जल्दी पहचान से बीमारी के इलाज में भी आसानी होगी.