IMF ने भी बढ़ाया भारत का वृद्धि अनुमान, वित्त वर्ष 2025 में इतनी बढ़ेगी GDP
बिजनेस डेस्कः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2024-25 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर आज 6.8 फीसदी कर दिया। उसका कहना है देसी मांग में मजबूती के कारण वृद्धि दर अधिक रहेगी।
यह आंकड़ा सरकार के 7 फीसदी वृद्धि के अनुमान से बेशक कम है मगर आईएमएफ के पिछले अनुमान से 30 आधार अंक ज्यादा है।
आईएमएफ ने विश्व आर्थिक अनुमान पर अपनी नई अपडेट रिपोर्ट में कहा, ‘देसी मांग में लगातार इजाफा होने और कामकाजी उम्र वाली आबादी बढ़ने के कारण भारत में 2024 (वित्त वर्ष 25) में 6.8 फीसदी और 2025 (वित्त वर्ष 26) में 6.5 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है।’
आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत का जीडीपी वृद्धि अनुमान 7.8 फीसदी कर दिया है, जो जनवरी की उसकी रिपोर्ट में 6.7 फीसदी बताया गया था। उसे लगता है कि वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि धीमी होकर 6.5 फीसदी रह जाएगी, जो जनवरी के अपडेट में दी गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2023-24 के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2022-23 में यह दर 7 फीसदी थी।
मजबूत घरेलू मांग और कारोबार तथा उपभोक्ता आत्मविश्वास के स्तर में निरंतर वृद्धि के कारण फिच और बार्कलेज सहित कई रेटिंग एजेंसियों ने आईएमएफ की ही तरह हाल में भारत का जीडीपी वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने फरवरी की अपनी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा था कि महंगाई स्थिर रहने, वृद्धि मजबूत रहने और रोजगार में इजाफा होने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024 में सकारात्मक प्रदर्शन करेगी।’ इसमें कहा गया था कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने और कारोबार के लिहाज से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आने जैसे संकेत मिल रहे हैं मगर वित्त वर्ष 2025 में भारत की स्थिति कुल मिलाकर बेहतर दिख रही है।’
मुद्रास्फीति के मोर्चे पर आईएमएफ का अनुमान है कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2024 में 5.4 फीसदी के औसत से कम होकर वित्त वर्ष 2025 में 4.6 फीसदी रह जाएगी, जो वित्त वर्ष 2026 में 4.2 फीसदी हो सकती है। आईएमएफ ने वर्ष 2024 के लिए अपना वैश्विक वृद्धि अनुमान 10 आधार अंक बढ़ाते हुए 3.2 फीसदी कर दिया। आईएमएफ का कहना है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में कुछ तेज वृद्धि होगी मगर उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वर्ष 2024 और 2025 के दौरान वृद्धि की रफ्तार स्थिर रह सकती है।
आईएमएफ ने कहा, ‘कई निराशाजनक अनुमानों के बावजूद दुनिया मंदी से बच गई, बैंकिंग तंत्र ने प्रतिकूल हालात का डटकर सामना किया और कई प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को अचानक ठहरना नहीं पड़ा। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक चीन की जीडीपी वृद्धि कम रहेगी और यह वर्ष 2023 के 5.2 फीसदी से कम होकर 2024 में 4.6 फीसदी और 2025 में 4.1 फीसदी रहेगी क्योंकि महामारी के बाद उपभोग और राजकोषीय प्रोत्साहन में आई तेजी के असर अब थमने लगे हैं और प्रॉपर्टी के क्षेत्र में कमजोरी आ रही है।