बजट का असर: EV सेक्टर में मिलेंगी 2.5 लाख नौकरियां, ये है सरकार का प्लान
अंतरिम बजट में मैन्युफैक्चवरिंग और इंफ्रा पर बड़े ऐलान किए गए हैं. जिससे ईवी सेक्टर को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा. स्टाफिंग कंपनियों और विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले से ईवी के प्रोडक्शन और एक्सेप्टेंस में और इजाफा होगा और अगने 5 सालों में 2.5 जॉब भी पैदा होंगी.
देश के अंतरिम बजट ईवी को लेकर भी कुछ घोषणाएं की है. सरकार चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) सिस्टम का विस्तार करेगी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए ई-बसों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इन तमाम फैसलों की वजह से ईवी सेक्टर में नौकरियों की बाढ़ आ सकती है. स्टाफिंग कंपनियों और कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि अंतरिम बजट में ईवी सेक्टर के लिए जो ऐलान किए गए हैं, उससे सेक्टर में जॉब्स में इजाफा देखने को मिलेगा. एक अनुमान के अनुसार अगले 5 सालों में 2.5 लाख से ज्यादा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब जेनरेट हो सकती हैं.
2.5 जॉब होंगे पैदा
टीमलीज सर्विसेज के सीईओ (स्टाफिंग) कार्तिक नारायण ने कहा कि अगले 4-5 सालों में लगभग 2.5 लाख डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स संभावित रूप से जेनरेट हो सकती हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत में वर्तमान में लगभग 7,000 चार्जिंग स्टेशन हैं और अगले 5 वर्षों में लगभग 50,000 की आवश्यकता है. एक चार्जिंग स्टेशन थंब रूल के अनुसार डायरेक्ट और इनडायरेक्ट लगभग 5 तरह के काम होते हैं. डायरेक्ट जॉब्स में साइट इंजीनियर, एक्सपर्ट, सर्विस टेक्नीशियन और बाकी लोग शामिल होंगे.
कई समस्याओं का होगा समाधान
रैप्टी एनर्जी के को फाउंडर और सीईओ दिनेश अर्जुन ने कहा कि देश भर में पब्लिक चार्जर की अवेलेबिलिटी में उल्लेखनीय ग्रोथ देखने को मिलेगी. ईवी कंपनियों को अपने कंज्यूमर्स से हाई मार्केट एक्सेप्टेंस मिलेगी और निवेशकों का इंट्रस्ट भी बढ़ेगा. अर्जुन ने कहा इस ऐलान से यह हमारे देश में ईवी अडॉप्ट करने की सबसे बड़ी रेंज टेंशन को भी खत्म कर देगा. साथ ही उद्यमियों को बैटरी मैनेज्मेंट सेगमेंट और दूसरे टेक में डीप इनोवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा कि ईवी कंपनियां मेक-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण के लिए बैटरी और दूसरे कंपोनेंट प्रदान करने वाले एक गहरे विक्रेता पारिस्थितिकी तंत्र का भी आनंद लेंगी. न्यूरॉन एनर्जी के सीईओ और सह-संस्थापक प्रतीक कामदार ने कहा, प्लानिंग के साथ मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी से प्रोडक्शन कैपेसिटी में इजाफा होगा और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा.