UP बिजली उपभोक्ताओं के लिए जरूरी खबर, घर में लगाए जाएंगे नए बिजली मीटर

केंद्र सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर प्रदेश पर दबाव बढ़ा दिया है। जल्द से जल्द प्रीपेड मीटर लगाने के मामले में फैसला लेने के लिए कहा है। इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा को पत्र लिखा है। इस पत्र के आने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में सक्रियता बढ़ी है। अब बीच का रास्ता निकालने की रणनीति बन रही है।

प्रदेश में करीब 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन की ओर से टेंडर जारी किए गए। टेंडर के प्रस्ताव के मुताबिक हर मीटर की कीमत करीब नौ से 10 हजार रुपये पड़ रही है।

जबकि इस्टीमेटेड कीमत छह हजार रुपये प्रति मीटर है। यूपी पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रति मीटर अधिक मूल्य होने के मामले में ऊर्जा मंत्रालय से भी सलाह ली, लेकिन वहां से फैसला कॉरपोरेशन पर छोड़ दिया गया।

इस बीच मध्यांचल ने टेंडर रद्द कर दोबारा आवेदन मांगे, लेकिन निर्धारित समय तक दोबारा किसी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला है। जबकि दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, पूर्वांचल की टेंडर प्रक्रिया भी अटकी हुई है। ऐसे में अभी तक प्रदेश में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू नहीं हो सकी है। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।

पत्र के बाद कारपोरेशन में हलचल-

केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने मुख्य सचिव डीएस मिश्रा को पत्र लिखकर कहा है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर का कार्य अक्तूबर 2022 में शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ।

इस पर जल्द से जल्द विचार कर कार्य शुरू कराया जाए। कार्य शुरू करने में देरी होने पर पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) का बजट रोका जा सकता है।

केंद्र के इस पत्र के बाद कॉरपोरेशन में हलचल मची हुई है। इस मुद्दे पर आला अफसरों की दो चरण में बैठक भी हो चुकी है। फिलहाल इस मुद्दे पर कॉरपोरेशन के अफसर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने कहा कि जल्द से जल्द स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की कवायद चल रही है।

आठ क्लस्टर में जारी हो सकते हैं टेंडर-

भारत सरकार के अधीन रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड ने स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन में प्रति मीटर की दर छह हजार की एस्टिमेटेड कॉस्ट तय किया है।

जबकि, टेंडर में मीटर की कीमत करीब नौ से 10 हजार रुपये दी जा रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद टेंडर प्रक्रिया चार कलस्टर के बजाय कम से कम आठ कलस्टर में कराने की मांग शुरू कर दी है।

ऐसे में सभी निगमों के टेंडर निरस्त कर आठ कलस्टर में टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा कंपनियां हिस्सा लेंगी। आठ कलस्टर होने से जल्द ही कार्य भी पूरा हो सकेंगे।

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