8 साल से नौकरी में, 15 लाख तक रिश्वत… क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, जिसमें ममता सरकार को लगा कोर्ट से झटका
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को झटका देते हुए शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है. हाईकोर्ट ने 2016 के एसएससी भर्ती के पूरे पैनल को रद्द कर दिया है. इससे बंगाल के लगभग 26 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा.
शिक्षकों को चार हफ्ते के भीतर वेतन लौटाने का भी आदेश दिया गया है.
यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू की गई थी. उस समय पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं.
क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला?
साल 2014 में पश्चिम बंगाल के स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने टीचर्स भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था. उस समय पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी. लेकिन आवेदकों ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. आरोप लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई. नंबर कम होने के बावजूद नौकरियां दी गईं, जबकि नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों ने टीईटी क्लीयर नहीं किया था.
इस मामले में लगभग पांच साल तक चली सुनवाई के बाद मई 2022 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को भर्ती की जांच करने के आदेश दिए. दरअसल शिकायतकर्ताओं ने भर्ती के लिए पांच से 15 लाख रुपये की रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए थे. ऐसे में ईडी ने भी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की. सबूत हाथ लगने पर ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को पद से हटाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें मैरिट लिस्ट में ऊपर स्थान दिया गया. कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मैरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दी गई. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे उम्मीदवारों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी. जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है.
ईडी ने इस मामले में 2022 में जांच शुरू की थी. ईडी ने 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी. पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे. जब पार्थ चटर्जी से अर्पिता के बारे में पूछा गया तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इसके बाद ईडी के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं.
जब ईडी ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा तो उन्हें वहां से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले. अर्पिता एक मॉडल हैं. वे बंगला और ओडिशा फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करती रही हैं.
ईडी ने अर्पिता के दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की थई. इस दौरान ईडी को अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला था. इसके अलावा ईडी को 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला. इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल थे.
बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई को अपनी जांच जारी रखने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों ने आज अपनी नौकरी खोई है, मैं उन्हें बताना चाहती हूं. हम लड़ेंगे और अंत तक लड़ेंगे. क्या आप नहीं जानते हैं कि जिन्होंने आदेश दिया है, उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. हम इस फैसले को चुनौती देंगे. इस फैसले से 26 हजार उम्मीदवारों की किस्मत जुड़ी है. हम नौकरी देने की कोशिश कर रहे हैं. ये अवैध आदेश है. हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. लेकिन चिंता मत कीजिए. मैं आपको बताना चाहती हूं कि दस लाख और नौकरियां तैयार हैं.