Income Tax : एक एक पैसे की मोहताज महिला इनकम टैक्स के छापे में निकली करोड़ों की मालकिन
टैक्स चोरी करने वाले और काला धन छुपाने वालों पर इनकम टैक्स विभाग कड़ी नजर रखता है। आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। जिनमें विभाग छापेमारी कर करोड़ों रुपये की संपत्ति या प्रॉपर्टी का जब्त करता है। ऐसा ही एक मामला ज्यपुर से सामने आया है।
जयपुर में आयकर विभाग (Income tax department) की एक कार्रवाई में ऐसी सच्चाई सामने आई कि सुनने वाले हर व्यक्ति ने दांतों तले अंगुली दबा ली। दरअसल, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर आयकर ने 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत की 64 बीघा जमीन अपने कब्जे में ली है। हैरानी की बात यह है कि इस जमीन की मालकिन आदिवासी महिला दाने-दाने को मोहताज है और उसे अपनी संपत्ति के बारे में ही पता नहीं था।
करोड़ों की संपत्ति की मालकिन निकली संजू देवी-
इस जमीन की मालकिन महिला का नाम संजू देवी मीणा (Sanju Devi Meena) है। आयकर विभाग ने जयपुर-दिल्ली हाईवे पर दंड गांव की इस जमीन पर अपने बैनर लगा दिए हैं। इन पर लिखा है कि संजू देवी इस जमीन की मालकिन नहीं हो सकती हैं।
इसके अलावा बैनरों पर यह भी लिखवाया गया है कि बेनामी संपत्ति निषेध कानून (Benami Property Prohibition Act) 1998 के तहत इस जमीन को बेनामी घोषित कर आयकर विभाग अपने कब्जे में ले रहा है।
करोड़ों की संपत्ति पर आयकर विभाग की इस तरह पड़ी नजर-
दरअसल, आयकर विभाग (Income Tax Department Raid) को शिकायत मिली थी कि दिल्ली और मुंबई के उद्योगपति आदिवासियों के नाम पर जमीनें खरीद रहे हैं।
कनून के अनुसार यहां की जमीन खरीदने का अधिकार केवल आदिवासियों को ही है। इसलिए यह खेल किया जा रहा है। जमीन खरीदने के बाद पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेजों पर आदिवासियों से दस्तखत करवा लिए जाते हैं।
शिकायत मिलने पर विभाग ने की छानबीन
शिकायत मिलने पर आयकर विभाग (Income Tax Notice) ने ऐसी ही एक जमीन के मालिक को ढूंढना शुरू किया। उनकी तलाश पूरी हुई राजस्थान के सीकर जिले के दीपावास गांव में। संजू देवी मीणा का परिवार यहीं रहता है। संजू देवी का पति नारूराम अपने पिता के साथ मुंबई में मजदूरी करता था।
साल 2006 में वह संजू देवी (Sanju Devi) को मुंबई ले गया और वहां उससे कुछ कागजों पर अंगूठा लगवाया। इन कागजातों के मुताबिक ये जमीनें आमेर तहसील के कूकस, खोरामीणास हरवर, ढंड, नांगल, तुर्कान और राजपुर खान्या गांवों में खरीदी गई थीं। ये सौदा हेजलनट कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया था।
पाई-पाई की मोहताज महिला के पास मिली 100 करोड़ की संपत्ति –
इसके कुछ दिन बाद नारूराम की मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद संजू के बैंक खाते में हर महीने पांच हजार रुपये आते थे। अब ये रुपये कौन भेजता था, क्यों भेजता था, संजू देवी को कुछ पता नहीं था। बाद में ये रुपये आने भी बंद हो गए।
बेहद खराब आर्थिक हालातों से गुजर रही संजू देवी खेती और जानवर पालकर गुजर-बसर करती है। आयकर के छापे के बाद उसे पता चला कि उसके नाम पर लाखों नहीं बल्कि सौ करोड़ से भी ज्यादा कीमत की जमीन थी।