Income Tax Notice: इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आने पर इस तरीके से दे जवाब, नहीं होगी परेशानी
सबसे पहले नोटिस को समझें
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax ) के पास ढेरों डिटेल्स तक पहुंच है जो व्यक्तियों और संस्थाओं की ओर से किए गए लेनदेन को लेकर है। ये आय के कई रूपों से जुड़े हुए होते हैं, जो टैक्सपेयर्स की ओर से कमाए गए होंगे।
इन डिटेल्स के आधार पर टैक्स विभाग टैक्सपेयर की ओर से कमाई गई आय की गणना करता है, और फिर TDS और पहले से भुगतान किए गए एडवांस टैक्स को देखता है।
अगर भुगतान किया गया टैक्स, उससे कम है जितना कि भुगतान किया जाना है, तो टैक्सपेयर को इस टैक्स की कमी के बारे में ई-मेल और SMS के जरिये सूचित किया जाएगा।
अब टैक्सपेयर को पूरी प्रक्रिया के इस हिस्से को समझना होगा क्योंकि टैक्सपेयर कोई कदम उठाए उससे पहले कैलकुलेशन का सोर्स और सूचना पता होनी चाहिए।
कहीं जानकारी अधूरी तो नहीं?
सिर्फ इसलिए कि इनकम टैक्स विभाग से कोई सूचना मिली है, इसका मतलब ये नहीं है कि यहां सब कुछ सही है, या कि सभी जानकारी कवर कर ली गई है। ऐसी बहुत सी जानकारी होती है जो टैक्सपेयर अपने लेनदेन से जेनरेट करता है। जिसमें निवेश और दूसरे एसेट्स की बिक्री भी शामिल है।
जब ट्रेडिशनल डिटेल्स, जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज या डिविडेंड और यहां तक कि सैलरी और प्रोफेशनल फी पेमेंट, सबकुछ टैक्स डिपार्टमेंट के पास रहता है। कई बार ऐसा भी होता है कि जब कई जानकारियां जिसकी वजह से कुछ कमाई या नुकसान होता है.
टैक्स विभाग के पास मौजूद नहीं होती है। ऐसी स्थिति में टैक्सपेयर्स सिर्फ इस बात पर भरोसा करके नहीं बैठ सकता जो टैक्स डिपार्टमेंट कर रहा है, कई बार उन्हें अतिरिक्त विवरण भी शामिल करने की जरूरत होगी। ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि वो सही तरीके से काम कर रहे हैं।
अपनी कैलकुलेशन भी करें
एक बार जब मौजूदा और कोई गायब डिटेल्स दोनों ही इकट्ठा हो जाएं, इसके बाद टैक्स के मोर्चे पर असली स्थिति जानने के लिए कैलकुलेशन करना चाहिए। टैक्सपेयर को सभी तरह की इनकम और वित्तीय वर्ष के अंतिम कुछ हफ्तों में आने वाली इनकम को जोड़ना होगा।
इसके सामने, टैक्सपेयर्स को टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TDS) और यहां तक की एडवांस टैक्स को भी देखना होगा, जो उन्होंने पहले किस्तों में भुगतान किया होगा।
अगर अतिरिक्त टैक्स का भुगतान किया गया है, तो आगे कोई भी कदम उठाने की जरूरत नहीं है। टैक्सपेयर कुछ महीनों बाद टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड के लिए अप्लाई कर सकता है।
बाकी नोटिस से अलग
टैक्सपेयर को ये समझना होगा कि भुगतान किए जाने वाले टैक्स को लेकर इस तरह की सूचनाएं दूसरी तरह के नोटिसों से अलग होती है, जो टैक्स के असेसमेंट पूरा होने पर जारी की जाती है।
ये अंतर महत्वपूर्ण है क्योंकि असेसमेंट में टैक्सपेयर की ओर से पहले ही सभी डिटेल्स टैक्स विभाग को दिए जा चुके होते हैं और फिर अंतिम फैसला टैक्स विभाग करता है। ऐसे में जो भी कमी होगी उसे पूरा करने के लिए अभी भी समय है। टैक्सपेयर तय तारीख तक एडवांस टैक्स का भुगतान कर सकता है।
अगर इसके बाद भी कुछ रकम बकाया रह जाती है, तो वो सेल्फ-असेसमेंट टैक्स के रूप में अपना रिटर्न दाखिल करते समय ब्याज की जरूरी कैलकुलेशन के साथ उस रकम का भुगतान कर सकते हैं। तो, इस मामले में ब्याज के रूप में एक लागत शामिल है जो इकट्ठा हो जाएगी, लेकिन उसको पूरा करने के लिए अब भी मौका है।