Income Tax Rules: पत्नी को FD के लिए ट्रांसफर की गई रकम पर देना होगा इतना टैक्स, जानें लें ये नियम
इनकम टैक्स कानून में पिछले कुछ सालों में तमाम बदलाव किए गए हैं. इसका असर हमारी बचत और निवेश की आदतों पर भी पड़ा है. हालांकि कई बार हम जाने-अनजाने ऐसी योजनाओं में बिना सोचे समझे निवेश कर बैठते हैं,
जहां हमें आयकर कानून के तहत टैक्स बचाने का कोई लाभ नहीं मिलता. टैक्स से जुड़े ऐसे ही सवाल आपके मन में भी हैं तो हमें अपने सवाल भेज सकते हैं, जिनका जवाब हम अगली सीरीज में टैक्स एक्सपर्ट के जरिये देते रहेंगे.
अगर मैं अपने खाते से तीन लाख रुपये अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर फिक्स्ड डिपॉज़िट में डालना चाहता हूं. मेरी पत्नी हाउसवाइफ है और इनकम टैक्स नहीं देती है. क्या एफडी से मिलने वाली आय पर मुझे टैक्स देना होगा?
जवाब – जी हां, आयकर की धारा 64(1) के अनुसार फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाली ब्याज को आपकी ही आय में जोड़ा जाएगा और उस पर आपको ही कर अदा करना होगा.
क्या पीएफ से प्राप्त ब्याज कर मुक्त होता है?
जवाब – बजट 21-22 से पहले पीएफ पूरी तरह आयकर मुक्त थी, पर बजट 2021-22 के बाद अगर पीएफ में 2,50, 000 रुपये से ज्यादा का सालाना निवेश होता है तो आयकर की धारा 10(11) और 10(12) के तहत रु 250000/- से ऊपर के निवेश से प्राप्त ब्याज कर योग्य माना जाएगा और आपकी आय में जोड़ा जाएगा.
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत रुपये 1,50,000 के अतिरिक्त एनपीएस के टियर 2 में भी रुपये 50,000 जमा करने पर अतिरिक्त आयकर छूट धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत मिलेगी या नहीं?
जवाब – जी नहीं। टियर 2 में निवेश किया गया आयकर अधिनियम में 80सीसीडी (1b) में छूट की पात्रता नही रखता। 80सीसीडी (1बी) में अतिरिक्त छूट लेने के लिए आपको टियर 1 में निवेश करना होगा.
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4.सवाल – आयकर की धारा 80टीटीए और 80टीटीबी में क्या अंतर है ?
जवाब – 80TTA
1. इसका लाभ रेजिडेंट और एचयूएफ ले सकते हैं.
2. इसमें आप सिर्फ बचत खाता से ब्याज की आय की छूट रु 10000/- तक ले सकते हैं।
3. प्रवासी भारतीय (NRI) एनआरओ बचत खाता से उपर्जित ब्याज की छूट ले सकते हैं.
80TTB
1. इसका लाभ सिर्फ वरिष्ठ नागरिक (जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो) ले सकते हैं.
2.इसमें आप बचत खाता के साथ साथ सावधि जमा खाता से प्राप्त ब्याज की छूट रु 50000/- तक ले सकते हैं.
3. प्रवासी भारतीय (एनआरआई) एनआरओ खाता से उपर्जित ब्याज की छूट नहीं ले सकते हैं.
5. सवाल – नई पद्धति वाली कर प्रणाली बेहतर है या पुरानी कर प्रणाली और इसका लाभ लेने के लिए आयकर विवरणों के अलावा क्या फाइल करना होगा?
जवाब – यह करदाता के कर योग्य छूट प्राप्त निवेश पर निर्भर करता है, और आपकी आय व्यापार आय से है तो आप फॉर्म 10IE फाइल करके नई आयकर प्रणाली का फायदा ले सकते हैं लेकिन ये जीवन पर्यन्त केवल एक बार ही इसका फायदा ले सकते हो.
लेकिन अगर आपकी आय व्यापार आय को छोड़ कर है तो आप नई कर प्रणाली का फायदा फॉर्म 10IE फाइल करके ले सकते हैं और करदाता इसे हर वित्तीय वर्ष बदल सकता है.