2026 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है भारतीय ऑटो उद्योग
ऑटो डेस्क. कोरोना महामारी के बाद से भारतीय ऑटो उद्योग काफी तेजी से बढ़ा है। आने वाले समय में भारतीय बाजार एक बड़ी मंजिल को छू सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, देश का ऑटो बाजार साल 2026 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
इसके पीछे लोगों की बढ़ती आय, शहरीकरण, तेजी से उभरता हुआ मध्यम वर्ग और लोगों की खरीदने की ताकत में इजाफा सहित कई कारण हो सकते हैं।
ऑटो उद्योग में दिखी तेजी
देश के ऑटो उद्योग ने मार्च 2024 में यात्री वाहन, दो पहिया, तिपहिया और अन्य सहित 23,25,959 यूनिट्स का प्रोडक्शन किया। वहीं, मार्च महीने में यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री 36,8086 यूनिट्स की रही। इस दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री 14,87,579 यूनिट्स हुई। तिपहिया वाहनों की बिक्री 56,723 इकाइयों की हुई।2024 की पहली तिमाही के दौरान सभी वाहनों की 73,94,417 यूनिट्स का उत्पादन हुआ।
दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा निर्माता भारत
भारत दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा निर्माता देश है। हर साल 21 मिलियन से अधिक यूनिट्स का उत्पादन होता है। साथ ही ट्रैक्टरों के प्रोडक्शन के मामले में भी देश सबसे आगे है। इसके अलावा भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा भारी ट्रक निर्माता है। वहीं कारों के प्रोडक्शन में भारत का स्थान चौथा है। भारत का ऑटो निर्यात देश की जीडीपी में बड़ा योगदान देता है। इस सेक्टर से लगभग 19 मिलियन लोगों को रोजगार मिलता है।
ईवी सेक्टर में भी आएगी तेजी
दूसरी तरफ देश काफी तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर अग्रसर हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार, भारत 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता देश बन जाएगा। इस दौरान करीब 2.5 मिलियन ईवी वाहन देश की सड़कों पर होंगे। देश का यात्री कार बाजार 2027 तक 54.84 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।