भारतीय कामगारों के लिए ‘नरक’ बना यह पूर्व सोवियत देश! भारत का है पक्का दोस्त
भारतीय श्रमिकों की मांग पूरी दुनिया में है। ये न केवल अपने काम के प्रति कट्टर ईमानदार होते हैं, बल्कि जिस देश में जाते हैं, वहां की संस्कृति और आबोहवा में तुरंत ढल जाते हैं। ऐसे में इजरायल, ताइवान, इटली जैसे देश बड़ी संख्या में भारतीय कामगारों को आज भी बुला रहे हैं। लेकिन, एक देश ऐसा भी है, जहां काम करने वाले एक भारतीय कामगार ने नौकरी देने वाली कंपनी पर दुर्व्यवहार और धोखे में रखने का आरोप लगाया है। यह देश कोई और नहीं, बल्कि भारत का पक्का दोस्त आर्मेनिया है। आर्मेनिया पूर्व सोवियत देश है, जो 1991 के बाद अस्तित्व में आया। यहां आकर्षक पैकेज के मोह में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं।
भारत से आर्मेनिया पहुंचे युवक ने क्या दावा किया
डीडब्लू की रिपोर्ट के अनुसार, आर्मेनिया में काम करने वाले एक युवक ने बताया कि वह बेहतर जीवन की तलाश में आर्मेनिया आए थे। विदेश में रहने वाले एक दोस्त ने उन्हें आर्मेनिया के बारे में बताया और कहा कि वह इस देश में बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं। नाम न जाहिर करने वाले इस भारतीय युवक ने बताया कि उन्हें 1000 डॉलर (82898 रुपये) प्रति महीने तक कमाने का सपना दिखाया गया। इसके बाद उनके दोस्त ने आर्मेनिया में एक एजेंट के माध्यम से यात्रा का बंदोबस्त किया। ई-वीजा, फ्लाइट और एक डिलीवरी कंपनी में नौतकी के लिए उनसे 650,000 से अधिक अर्मेनियाई ड्राम (1,32,637 रुपये) का भुगतान कराया गया।
व्हाट्सएप पर नौकरी की जानकारी दी गई
युवक ने बताया कि पैसे देने के बाद उन्हें व्हाट्सएप चैट पर सभी जानकारी साझा की गई। इसके बाद युवक ने आर्मेनिया की राजधानी येरेवन के लिए उड़ान भरी। उन्हें येरेवन शहर से 30 किमी की दूरी पर स्थित चेरी होटल में नौकरी दी गई। रहने के लिए होटल के ही पीछे क्वार्टर्स बनाए गए थे, जिसमें तंग कमरों में कई अन्य भारतीय श्रमिक रहते थे। युवक ने जल्द ही डिलीवरी का काम भी शुरू कर दिया, लेकिन नौकरी की स्थितियां वैसी नहीं थी, जैसा उन्होंने अपेक्षा की थी।