भारतीयों के बायकॉट ने निकाली मुइज्जू की हेकड़ी, भारतीय टूरिस्ट की संख्या में भारी गिरावट, मालदीव में एक्शन में चीन
जनवरी की शुरुआत में मालदीव के बायकॉट की मुहिम भारत के सोशल मीडिया पर चली थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच एक राजनयिक तनाव भी देखने को मिला। इस पूरे विवाद के लगभग एक महीने बाद अब मालदीव में टूरिस्ट के मामले में चीन भारत से आगे निकल गया है। मालदीव जाने वाले सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारतीय होते थे। लेकिन अब बायकॉट का असर दिखाई दिया है। इसके अलावा नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की यात्रा पर गए थे। भारतीयों के बायकॉट के डर से उन्होंने चीन से टूरिस्टों की संख्या बढ़ाने के लिए हाथ फैलाया था। चीन के टूरिस्ट की संख्या बढ़ी है। लेकिन यह अभी भी भारतीयों की भरपाई नहीं कर पा रही।
मालदीव में टूरिस्ट की संख्या में भारत अभी तक टॉप पर था, वह खिसक कर दूसरे या तीसरे नहीं बल्कि पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। वहीं टूरिस्ट की संख्या बढ़ने के बावजूद चीन अभी तीसरे नंबर पर ही है। सोमवार को मालदीव के पर्यटन मंत्रालय की ओर से आंकड़े जारी किए गए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि मालदीव में चीनी टूरिस्ट की संख्या 21 जनवरी को भारत से आगे निकल गई। पिछले साल मालदीव में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की रही है।
मालदीव में अब किसकी कितनी संख्या
साल 2023 में 31 दिसंबर तक मालदीव के पर्यटन में भारतीयों की हिस्सेदारी 11.1 फीसदी थी। इसके बाद रूस दूसरे नंबर पर था। चीन 10 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर था। 3 जनवरी को जारी किए गए आंकड़ों में चीन टॉप-10 में भी नहीं था। हालांकि 2024 में 13 जनवरी तक भारत 8.1 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया। तब चीन छठे स्थान पर था। मुइज्जू की बीजिंग यात्रा के बाद 21 जनवरी तक चीन चौथे स्थान पर पहुंच गया। वहीं भारत खिसक कर पांचवें पर पहुंच गया। 28 जनवरी के डेटा के मुताबिक चीन 9.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है।
क्यों हुआ मालदीव का बायकॉट
जनवरी 2024 में पीएम मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे। उन्होंने यहां की कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। इसे देख कर कुछ लोगों ने कहा कि मालदीव जाने से अच्छा है कि लक्षद्वीप जाया जाए। मालदीव के कुछ मंत्रियों को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और उन्होंने पीएम मोदी और भारत को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए। इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर मालदीव के बायकॉट की मुहिम चलाई। मालदीव में पिछले साल हुए चुनाव में मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने अपना पूरा चुनाव प्रचार भारत के विरोध में किया। इस समय मालदीव में एक भारत विरोधी सरकार है।