इंडोनेशिया का खतरनाक माउंट रुआंग ज्वालामुखी फिर फटा, गांव के गांव राख से भरे, एक एयरपोर्ट बंद
Indonesia’s Mount Ruang erupts: इंडोनेशिया का माउंट रुआंग ज्वालामुखी मंगलवार को दो हफ्ते में दूसरी बार फटा है, जिससे आसमान में लगभग 2 किलोमीटर तक राख फैल गई, वहीं कई गांव राख से भर गये हैं, जबकि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद एक हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है।
हालांकि, ज्वालामुखी विस्फोट के बाद तबाही इसलिए नहीं मच पाई, क्योंकि सेंसर ने पहले ही ज्वालामुखी विस्फोट के संकेत भेज दिए थे, जिसके बाद इंडोनेशियाई भूवैज्ञानिक सेवा ने सुलावेसी द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट को लेकर चेतावनी स्तर हाई लेवल तक बढ़ा दिया।
इंडोनेशिया में ज्वालामुखी विस्फोट
सुरक्षा एजेंसी ने निवासियों और पर्वतारोहियों से ज्वालामुखी के क्रेटर से कम से कम 6 किलोमीटर दूर रहने का आग्रह किया था। करीब 735 मीटर ऊंचा ये ज्वालामुखी इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी प्रांत में आता है, जो प्रांतीय राजधानी मनाडो में सैम रतुलंगी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 95 किलोमीटर उत्तर पूर्व में है।
क्षेत्रीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के प्रमुख अंबर सूर्योको ने कहा है, कि दृश्यता कम होने और राख से विमान के इंजन को होने वाले खतरे को देखते हुए मंगलवार सुबह हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया है।
वहीं, ज्वालामुखी विस्फोट के फौरन बाद क्षेत्र के आसमान राख से भर गये, वहीं कई इलाकों में पत्थरों की बारिश भी हुई है और कई जगहों पर चट्टानें भी गिरी हैं। ज्वालामुखी के नजदीव वाला शहर मानदो में करीब 3 लाख 30 हजार लोग रहते हैं और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, ज्वालामुखी विस्फोट के बाद राख ने आसमान को ढंक लिया है, जिससे लोगों को अपनी गाड़ियों की लाइट जलाकर यात्रा करनी पड़ रही है। दिन, शाम जैसा दिख रहा है।
माउंट रुआंग निगरानी चौकी के प्रमुख यूलियस रामोपोली ने कहा, “विस्फोट के बाद चौकी पर चट्टानों की बारिश होने से अंधेरा हो गया था।”
उन्होंने कहा, कि “कंपन तीव्र थे और बिजली चली गई, ज्वालामुख विस्फोट करी वजह से आए भूकंप ने कांच की खिड़कियों और हमारे आस-पास की हर चीज़ को हिला दिया।” उन्होंने कहा कि विस्फोट से सूरज की रोशनी बंद हो गई और कई गांव मलबे से भर गए। रामोपोली ने कहा, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
इससे पहले, 17 अप्रैल के विस्फोट के बाद 11,000 से ज्यादा लोगों को प्रभावित क्षेत्र से निकाला गया था जब अधिकारियों ने चेतावनी दी थी, कि एक बड़े विस्फोट से ज्वालामुखी का एक हिस्सा समुद्र में गिर सकता है और सुनामी आ सकती है, जो आसपास के गांवों को खतरे में डाल सकती है।
हालांकि, अब सरकार ने अलर्ट स्तर को चार स्तर से घटाकर 2 स्तर का कर दिया है, जिसके बाद ज्यादातर लोग राहत शिविरों से अपने घरों को लौट आए हैं।
इंडोनेशिया की भूवैज्ञानिक एजेंसी ने मंगलवार को टैगुलानडांग द्वीप पर लोगों को, विशेष रूप से तट के पास रहने वाले लोगों को, समुद्र में ना जाने के लिए कहा था। एजेंसी ने कहा है, कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद समुद्र में ज्वालामुखी का गुंबद के ढह सकता है, जिसकी वदह से लोग गर्म ज्वालामुखीय बादलों और सुनामी की चपेट में आ सकते हैं।
आपको बता दें, कि रुआंग इंडोनेशिया के लगभग 130 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। द्वीपसमूह राष्ट्र ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप से ग्रस्त है क्योंकि यह पैसिफिक “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है। इसीलिए इंडोनेशिया में लगातार भूकंप आते रहते हैं।