Interview: हमेशा मैं टाइपकास्ट इमेज में ही दिखा हूं, जानिये ऐसा क्यों कहा हिमांश कोहली ने….

यारियां फेम एक्टर हिमांश कोहली इनदिनों अपनी लघु फिल्म गहवारा को लेकर सुखियों में हैं. यह फिल्म अब तक कई फिल्म फेस्टिवल्स का हिस्सा बन चुकी है. हिमांश इस फिल्म के निर्देशक तारीख मोहम्मद के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने उनकी इमेज से अलग कुछ ऑफर किया.

जिसका उन्हें कई सालों से इंतजार था. उनकी इस लघु फिल्म और करियर पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत….

गहवारा एक लघु फिल्म है, हां कहने की वजह क्या थी?

मेरी इमेज एक कमर्शियल एक्टर की रही है. यह फिल्म मुझे कुछ अलग करने का मौका दे रही थी. ग्यारह साल में मैं ऐसे ही किसी किरदार की तलाश में था. मैं हमेशा से कुछ ऐसा करना चाहता था, ताकि अपने दर्शकों को कुछ नया दिखा सकूं और फिल्म इंडस्ट्री के निर्देशकों को दिखा सकूं कि मुझमें क्षमता है. अब तक मुझे ऐसे ही किरदार मिले हैं, जहां मैं अपनी टाइपकास्ट इमेज में ही दिखा हूं किसी प्रोजेक्ट का किरदार नहीं बन पाया. यह लघु फिल्म मुझे यह मौका दे रही थी. लीग से हटकर आर्ट फिल्म के लिए निर्देशक तारिक मोहम्मद की पसंद मैं बना इसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं.

चुनौती क्या रही?

जहां तक चुनौती की बात है तो एक एक्टर के तौर पर यह मेरे करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण किरदारों में से एक रहा है. इस फिल्म में मैं फरहान का किरदार निभा रहा हूं. अपनी दादी को खो चुका है. उनकी एक आखिरी ख्वाहिश वह पूरी करना चाहता है. इस दौरान वह खुद को कैसे खोजता है. यही जर्नी है. इस फिल्म की शूटिंग बहुत कुछ सीखने को मिला.

यह फिल्म अलग-अलग फेस्टिवल्स में लगातार दिखाई जा रही है, उस अनुभव को कैसे परिभाषित करेंगे?

यह बहुत ही खूबसूरत दुनिया है. इससे पहले मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं था. एक ऐसी दुनिया है, बहुत ही प्यारा कंटेंट आ रहा है और अब मैं भी इससे जुड़ गया हूं.

 

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