IOC और रूसी रेसलर्स के बीच छिड़ी ‘जंग’, पेरिस ओलंपिक में खेलने से किया मना
पेरिस ओलंपिक में अब कुछ ही दिन रह गए हैं. दो हफ्तों के बाद 26 जुलाई से इसकी शुरुआत हो जाएगी. इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने इसके लिए एथलीट्स को हिस्सा लेने के निमंत्रण पत्र भी भेज दिया है. इस बीच IOC और रूसी रेसलर्स के बीच तकरार देखने को मिल रही है. IOC ने 10 रेसलर्स को न्यूट्रल बताते हुए पेरिस ओलंपिक में भाग लेने की निमंत्रण भेजा था. अब इन सभी रेसलर्स ने IOC के फैसले का विरोध करते हुए हिस्सा लेने से मना कर दिया है. रूस के कुश्ती संघ ने बयान जारी करके इसकी जानकारी दी है. उसने बयान में कहा है कि सभी एथलीट्स और ट्रेनर्स ने मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है.
रूसी रेसलर्स ने ओलंपिक में जाने से क्यों मना किया?
रूस ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था. तभी से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है. रूस के इस आक्रमण के बाद IOC ने ओलंपिक में रूस के हिस्सा लेने पर बैन लगा दिया था. इसके बाद कमेटी ने बैठक की और फैसला किया कि रूसी एथलीट्स को इस इवेंट में हिस्सा लेने के लिए इंडिविजुअल न्यूट्रल एथलीट प्रोग्राम से गुजरना पड़ेगा, जहां इंटरव्यू पास करने के बाद अनुमति दी जाएगी. इसी प्रोग्राम के तहत कमेटी ने 10 रूसी एथलीट्स को अनुमति दी थी, जिसमें से 9 एथलीट्स ने निमंत्रण को स्वीकार किया था, वहीं एक ने मना कर दिया था.
अब रूस कुश्ती संघ ने सवाल उठाते हुए कहा है कि ओलंपिक के लिए 10 नहीं बल्कि 16 रेसलर्स ने क्वालिफाई किया था. वहीं जिन रेसलर्स को बुलाया गया, रूसी टीम के पैमाने से काफी दूर हैं. संघ ने यह भी कहा है कि रूसी एथलीट्स के बिना ओलंपिक इवेंट पूरा नहीं होता है. अब उनके नहीं जाने से इसकी वैल्यू कम हो जाएगी. खुद चैंपियंस को भी जीतकर संतुष्टि नहीं मिलेगी.
डेनिल मेदवेदेव लेंगे हिस्सा
IOC की वेबसाइट के अनुसार, सात खेलों के लिए 23 रूसी एथलीट्स ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था. ये 10 रेसलर्स उसी का हिस्सा था, जिन्होंने अब हिस्सा लेने से मना कर दिया है. हालांकि, 2021 के यूएस ओपन के विजेता और रूसी टेनिस खिलाड़ी डेनिल मेदवेदेव ने IOC के निमंत्रण को स्वीकार किया है.
पहले भी लग चुका है बैन
रूस पर इससे पहले भी बैन चुका है. WADA ने 2019 में डोपिंग सैंपल्स में फ्रॉड का आरोप लगाते हुए रूस पर चार साल के लिए बैन लगाया था, जिसके तहत रूसी एथलीट्स टोक्यो ओलंपिक में भाग नहीं ले पाए थे. WADA ने आरोप लगाया था कि रूस ने डोप टेस्ट के लिए अपने एथलीट्स के सैंपल्स से छेड़छाड़ की थी.