IPO से लेकर 5जी मॉनेटाइजेशन तक, RIL AGM में गायब रहे ये मुद्दे

एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने गुरुवार को रिलायंस एजीएम में पूरे ग्रुप के फ्यूचर का खाका पेश किया. बताया कि ग्रुप का रेवेन्यू तक तक​ डबल हो जाएगा. एआई क्लाउड पर ऐलान कर देश को बड़ा दिवाली गिफ्ट भी दिया. बोनस शेयर को लेकर बात रखी. रिलायंस रिटेल स्टोर को लेकर जानकारी दी. डाटा सेंटर को लेकर अपडेट दिया. साथ ही ये भी बताया कि किस तरह के कंपनी एक टेक जाएंट के तौर पर खड़ी हो रही है.
वहीं दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज के 35 लाख निवेशकों को कुछ और भी चीजों को लेकर ऐलान का इंतजार था. निवेशकों को रिटेल और टेलीकॉम आर्म के आईपीओ की घोषणा का इंतजार कर रहे थे. उन्हें टैरिफ में इजाफे के बाद 5जी मॉनेटाइजेशन को लेकर इंतजार था. साथ ही निवेशक उत्तराधिकार को लेकर भी मुकेश अंबानी से और ज्यादा स्पष्टीकरण की आस रख रहे थे. लेकिन इन तमाम मुद्दों को रिलायंस एजीएम ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. आइए विस्तार से चर्चा करते हैं कि आखिर रिलायंस इंडस्ट्रीज के एजीएम किन मुद्दों पर ऐलान नहीं किया गया.
जियो और रिटेल के आईपीओ पर थी नजर
रिलायंस के सिर्फ 35 लाख निवेशकों को ही नहीं बल्कि देश के 18 करोड़ से ज्यादा निवेशकों को मुकेश अंबानी से उम्मीद थी कि वो रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के आईपीओ का ऐलान करेंगे. वो भी ऐसे समय पर अब ज​ब रिटेल का रेवेन्यू बीते वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का देखने को मिला था. लेकिन मुकेश अंबानी ने आईपीओ को लेकर एक भी शब्द नहीं कहा. वास्तव में साल 2019 के एजीएम में मुकेश अंबानी ने दोनों कंपनियों के आईपीओ का ऐलान किया था. उस दिन रिलायंस के शेयर में करीब 10 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी. उसके बाद 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन कंपनियों के आईपीओ को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जेफरीज को भरोसा है कि जियो का आईपीओ अगले साल आने की उम्मीद है. जिसकी वैल्यूएशन 112 अरब डॉलर हो सकती है.
न्यू एनर्जी पर कोई खास ऐलान नहीं
वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी ने डाटा सेंटर पर तो बात की, लेकिन इस बार उनके फोकस में न्यू एनर्जी बिल्कुल भी नहीं रहा. खास बात तो ये है कि बीते कुछ समय से मुकेश अंबानी ने न्यू एनर्जी बिजनेस में काफी पैसा लगाया है. रिलायंस जामनगर में सोलर पीवी, ऊर्जा भंडारण, इलेक्ट्रोलाइजर, फ्यूल सेल और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए गीगा फैक्ट्रीज के साथ एक मेगा ग्रीन एनर्जी कैंपस विकसित कर रही है. 10 अरब डॉलर के इंवेस्टमेंट प्लान में पहले के तीन सालों में कंपनी की ओर से सिर्फ 2 अरब डॉलर का ही निवेश किया है, जिससे पता चलता है कि काम कितना स्लो चल रहा है.
5जी मॉनेटाइजेशन का जिक्र नहीं
वहीं दूसरी ओर जब जुलाई में जियो के नए टैरिफ लागू हुए थे, तो 5जी मॉनेटाइजेशन को लेकर काफी चर्चा हुई थी. निवेशकों को उम्मीद थी 5जी मॉनेटाइजेशन को लेकर मुकेश अंबानी एजीएम में विस्तार से जानकारी देंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वैसे मुकेश अंबानी ने 5जी रोलआउट को लेकर और आरएंडडी को लेकर जरूर जानकारी दी. साथ ही ये भी बताया कि ​देश में जियो के 5जी यूजर 13 करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं. कंपनी ने आरएंडी पर 437 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए हैं. लेकिन मॉनेटाइजेशन को लेकर कोई अपडेट निकलकर सामने नहीं आया.
सक्सेशन प्लान पर कोई नया अपडेट नहीं
करीब दो साल पहले यानी साल 2022 एजीएम में मुकेश अंबानी ने अपने सस्क्सेशन प्लान का खाका सामने रखा था. जिसके तहत रिटेल कारोबार ईशा अंबानी को सौंपा गया. जियो यानी टेलीकॉम आर्म आकाश को दिया गया. वहीं दूसरी ओर अनंत अंबानी को न्यू एनर्जी बिजनेस का कारोबार सौंपा गया. उसके बाद साल 2023 में मुकेश अंबानी ने अपने तीनों बच्चों को रिलायंस के बोर्ड में शामिल किया गया, जो सक्सेशन प्लान का ही एक हिस्सा था. साथ ही मुकेश अंबानी ने ये भी कहा था कि वो अगले 5 साल के लिए ग्रुप के प्रमुख बने रहेंगे. ऐसे में निवेशकों को उम्मीद थी कि सक्सेशन प्लान को लेकर मुकेश अंबानी इस बार कोई नया अपडेट दे सकते हैं. इस मोर्चे पर भी निवेशकों को निराशा ही हाथ लगी.
5 साल के बाद कंपनी के शेयर उछले
वहीं रिलायंस एजीएम के दिन 5 साल के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी देखने को मिली है. इससे पहले साल 2020 से लेकर 2023 तक एजीएम के दिन कंपनी के शेयर में गिरावट ही देखने को मिल रही थी. साल 2024 में एजीएम के दिन कंपनी के शेयर में डेढ़ फीसदी का उछाल देखने को मिला है. वैसे पिछले साल के एजीएम से लेकर इस साल के एजीएम के दिन तक मुकेश अंबानी की रिलायंस के शेयरों में 24 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. वहीं साल 2019 के एजीएम के दौरान आखिरी कंपनी के शेयर में इजाफा देखने को मिला था, जोकि 10 फीसदी का था.

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