Iran Hypersonic Missile: हाइपरसोनिक के बाद ईरान ने बनाई AI से लैस मिसाइलें, अमेरिका और इजरायल के उड़ाए होश
हाइपरसोनिक मिसाइलों को तैयार करने के बाद ईरान ने घोषणा की है कि उसके नौसैनिक युद्धपोत और मिसाइलें अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-सक्षम हैं. गौरतलब है कि पिछले महीने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खुमैनी के सामने हाइपरसोनिक मिसाइल को लॉन्च किया गया था.
इस क्षमता को ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने घरेलू स्तर पर विकसित किया है. यह आईआरजीसी द्वारा नौसेना में क्रांतिकारी लाने के प्रयास का हिस्सा है. ईरान का दावा है कि पहले से एडवांस तकनीक से लैस हाइपरसोनिक मिसाइलों को एआई और आधुनिक बनाएगा. ईरान बीते कुछ सालों में अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है. अभी कुछ समय पहले ईरान ने परमाणु हथियार ले जाने वाले इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था.
हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर ईरान का दावा
ईरान ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर दावा किया है कि यह ध्वनि की गति से 15 गुना अधिक गति से यात्रा करने में सक्षम है. फतह-2 नाम की ये मिसाइल हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन (एचजीवी) वारहेड से सुसज्जित है.फतह-2 मैक 5-20 (6170- 24700 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति तक पहुंच सकता है. ईरान का दावा है कि फतह-2 की क्षमता इजरायल और अमेरिका की अडवांस्ड एंटी-बैलिस्टिक मिसाइलों से अधिक है. इससे पहले जून 2023 में ईरान ने फतह-1 का सफल परीक्षण किया था.
AI से लैस मिसाइल को लेकर ईरान ने दी जानकारी
जेरूसलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (20 दिसंबर) को आईआरजीसी ने घोषणा की कि उसके पास एआई से लैस मिसाइलें हैं, जिसमें उसके नौसेना प्रमुख अलीरेजा तांसगिरि का हवाला दिया गया है. तांगसिरी ने कहा, “नौसेना क्षेत्र में, हमारे पास ऐसे जहाज हैं जो अद्वितीय और पूरी तरह से ईरानी डिजाइन के साथ उच्च रेंज और गति के साथ मिसाइलें दाग सकते हैं.”
उन्होंने AI तकनीक वाली अबू महदी मिसाइल की घोषणा करते हुए कहा कि इसकी मारक क्षमता 1,000 किलोमीटर से अधिक है. ईरान का दावा है कि एआई की मदद से मिसाइलें टारगेट को आसानी से नेस्तनाबूद कर सकती हैं. इसके साथ ही इससे मानवीय हस्तक्षेप को भी कम किया जा सकता है. तंसगिरी ने कहा कि शहीद सैय्यद शिराजी और शाहिद हसन बघेरी सहित कई नए जहाजों को आईआरजीसी नौसेना में शामिल किया जा रहा है और भविष्य में शहीद रईस अली डेलवारी और अबू महदी मुहंदिस नामक दो और जहाजों को शामिल किया जाएगा.