क्या अयोध्या की राम जन्मभूमि की मूर्ति ओरछा के रामराजा मंदिर में है विराजमान!
बुंदेलखंड की अयोध्या जिसे हम ओरछा के नाम से जानते हैं, यहां रामराजा मंदिर में श्रीराम को सशस्त्र सलामी ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाता है। ओरछा नगर में यह गार्ड ऑफ ऑनर रामराजा के अलावा देश के किसी भी वीवीआईपी को नहीं दिया जाता।
यहां तक कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक को भी नहीं।
राम यहां धर्म से ऊपर हैं। हिन्दू हों या मुस्लिम, राम सभी के आराध्य हैं। अयोध्या और ओरछा का यह संबंध लगभग 600 वर्ष पुराना है। कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी में ओरछा के बुंदेला शासक मधुकर शाह की पत्नी रानी कुंवरि गणेश अयोध्या से राम को ओरछा ले आई थीं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ओरछा के शासक मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे लेकिन उनकी महारानी कुंवरि गणेश राम की अनन्य उपासक थीं। एक बार मधुकर शाह ने रानी को वृंदावन जाने का प्रस्ताव दिया, पर उन्होंने अयोध्या जाने की इच्छा जताई।
इस पर राजा ने रानी पर व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर तुम्हारे राम सच में है, तो उन्हें अयोध्या से ओरछा लाकर दिखाओ। यह बात रानी को बहुत बुरी लगी और वे राम को अपने साथ ओरछा लाने के संकल्प के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो गईं। वहां उन्होंने 21 दिन तप किया लेकिन राम के दर्शन न पाकर उन्होंने सरयू नदी में छलांग लगा दी। कहा जाता है कि महारानी की ऐसी गहरी भक्ति देखकर भगवान राम नदी के जल में ही उनकी गोद में आ गए।