प्रधानमंत्री की निष्ठुरता देख पीड़ा होती है- विनेश फोगाट की अवार्ड वापसी पर बोले राहुल गांधी

प्रधानमंत्री की निष्ठुरता देख पीड़ा होती है- विनेश फोगाट की अवार्ड वापसी पर बोले राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहलवान विनेश फोगाट के अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कार लौटाने के फैसले पर टिप्पणनी की है. उन्होंने एक वीडियो शेयर किया और लिखा, ‘देश की हर बेटी के लिए आत्मसम्मान पहले, अन्य कोई भी पदक या सम्मान उसके बाद.’ कई विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने शनिवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया है. वह इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जाना चाहती थीं लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद उन्होंने अपने दोनों पुरस्कार कर्तव्य पथ के बीच में रख दिया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह विनेश फोगाट अपने पुरस्कार हाथ में लेकर पहुंचती हैं और कर्तव्य पथ पर उन्हें रख देती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “आज क्या एक घोषित बाहुबली से मिलने वाले राजनीतिक फायदे की कीमत इन बहादुर बेटियों के आंसुओं से अधिक हो गई?.” उन्होंने पीएम पर भी टिप्पणी की और कहा, “प्रधानमंत्री राष्ट्र का अभिभावक होता है, उसकी ऐसी निष्ठुरता देख पीड़ा होती है.”

विनेश फोगाट ने क्यों लौटाए पुरस्कार?

विनेश ने पहले ही देश के शीर्ष पहलवानों के साथ हुए अन्याय के विरोध में पुरस्कारों को त्यागने के अपने फैसले की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि जब देश के पहलवान न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रहे हों तो ऐसे सम्मान अपना अर्थ खो देते हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के रूप में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह के हालिया चुनाव से शीर्ष पहलवान और ज्यादा भड़क गए.

कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह?

बृजभूषण शरण सिंह, बीजेपी के सांसद हैं और कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं. कमोबेश एक साल के विरोध के बाद हाल ही में उनके पद छोड़ने के बाद कुश्ती महासंघ का चुनाव हुआ था लेकिन विवाद और बढ़ गया. बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर नाबालिग समेत कुछ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. यही वजह है कि कुश्ती महासंघ में उथल-पुथल मची. उनपर केस दर्ज कराने की मांग के साथ कई पहलवान दिल्ली पहुंचे. 2023 की शुरुआत में दिल्ली की सड़कों पर पहलवानें ने धरना दिया था, जिसमें विनेश फोगाट भी एक थीं.

 

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