कड़ाके की ठंड पड़ रही…पाकिस्तान में फिर टलेंगे आम चुनाव, सीनेट ने इस प्रस्ताव को दी मंजूरी

पाकिस्तान में एक बड़ा मजाक होने वाला है। पाकिस्तान की सेना और सरकार वर्तमान हालात में चुनाव कराने की स्थिति में नहीं है। पाकिस्तान की सीनेट ने प्रस्ताव पास किया है, जिससे की 8 फरवरी को होने वाले चुनाव को टाला जाए। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई फिक्स कर रही है। विरोधी पार्टी के नेता या तो पार्टी छोड़ कर भाग रहे हैं या मजबूर किए जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आप उदाहरण के रूप में ले सकते हैं। वहीं सुरक्षा हालात भी पाकिस्तान के ठीक नहीं है। सेना के कई सिपाही आए दिन मारे जा रहे हैं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवा के इलाके में ऐसे हालात हैं।

सदन में मौजूद सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने इस कदम का विरोध किया। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश क्षेत्रों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसलिए उन क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी असहनीय है। कानून व्यवस्था की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए सीनेटर दिलावर ने कहा कि मोहसिन डावर और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के सदस्यों पर हमले किए गए। उन्होंने कहा, यहां तक ​​कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में भी सुरक्षा बलों पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि एएनपी नेता ऐमल वली को भी चुनाव पर आपत्ति है।

सीनेटर ने कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान खुफिया एजेंसियों द्वारा खतरे की चेतावनी भी जारी की गई थी। सीनेट का कहना है कि बाधाओं को दूर किए बिना चुनाव नहीं होने चाहिए, इसलिए 8 फरवरी के चुनाव को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को चुनाव स्थगित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीनेट को चुनावी निकाय पर भरोसा है।

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