अब्दुल मलिक का बाहर निकलना हुआ मुश्किल, पुलिस ने लगा दिया ऐसा सख्त कानून
हल्द्वानी हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक पर शिकंजा कसते हुए पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत अब तीन महीने तक मलिक को हर हाल में सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा।
इसके बाद ही वह जमानत के लिए अर्जी लगा सकता है।
8 फरवरी को हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई हिंसा ने शहर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। इसमें 300 से ज्यादा लोग घायल हुए और 100 से अधिक सरकारी और निजी वाहनों को जला दिया गया था। यहां तक कि वनभूलपुरा थाने को भी आग के हवाले किया गया था। हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत भी हो गई थी। इसके बाद लगाए गए कर्फ्यू के चलते हिंसाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को करीब 12 दिन तक घरों में कैद रहना पड़ा।
शहर की कई व्यवस्थाएं चौपट हो गए और कई काम भी बड़े स्तर पर प्रभावित हुए। इस मामले में पुलिस ने अब्दुल मलिक, उसके बेटे अब्दुल मोईद सहित अन्य लोगों के खिलाफ वनभूलपुरा थाने में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 395, 323, 332, 341, 342, 353, 427 और 436 में मुकदमा दर्ज किया है। मलिक के खिलाफ पुलिस ने उत्तराखंड लोक संपत्ति अधिकार अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में भी केस दर्ज किया है।
यह होता है यूएपीए ऐक्ट
मलिक के खिलाफ पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के सेक्शन 15 के तहत कार्रवाई की है। कानून के जानकारों के मुताबिक यह एक्ट तब लगाया जाता है जब कोई व्यक्ति भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता को संकट में डालने के इरादे से भारत में आतंक फैलाने या आतंक फैलाने की संभावना के इरादे से गैरकानूनी गतिविधि करता है। या उसकी संलिप्तता होती है। इसमें बम धमाकों से लेकर जाली नोटों तक का कारोबार शामिल है। दोष सिद्ध होने पर आरोपी को पांच साल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
तीन माह तक नहीं मिल सकती जमानत
मलिक के खिलाफ 16 धाराओं में कार्रवाई की गई है। बता दें कि यूएपीए के तहत कार्रवाई के चलते अब्दुल मलिक को अब तीन महीने तक जमानत नहीं मिल सकती। यानि 90 दिन बाद ही आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल सकती है।
नैनीताल एसएसपी पीएन मीणा ने कहा कि मलिक के खिलाफ यूएपीए के तहत भी कार्रवाई हो रही है। मामले की जांच की जा रही है। जैसे-जैसे तथ्य सामने आएंगे प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई की जाएगी।