UP के इन 500 गांवों से होकर गुजरेगी नई रेलवे लाइन, योगी सरकार ने पास किया

गोरखपुर से आजमगढ़ होते हुए वाराणसी के लिए रेल खंड की मांग वर्षों से की जा रही थी। वर्ष 1956 में सांसद कालिका सिंह की पहल पर वाराणसी तक रेल ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे हुआ, लेकिन यह कार्य नहीं हो सका।

आवागमन के लिए रेल नहीं होने से आजमगढ़ समेत आसपास के क्षेत्रों के उद्योग पिछड़ गए हैं। इसमें प्रमुख रूप से मुबारकपुर का रेशम उद्योग, निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी उद्योग, रानी की सराय और अतरौलिया क्षेत्र का जूट उद्योग आदि शामिल है।

इसके अलावा रेल सुविधा नहीं होने से लालगंज समेत आसपास क्षेत्र के लोगों को अन्य महानगरों में जाने के लिए वाराणसी और आजमगढ़ की लंबी दूरी तय करके ट्रेन पकड़नी पड़ती है। नतीजतन कई उद्योग बंद भी हो गए। अब बजट में शासन से मंजूरी मिलने पर लोगों में एक बार फिर से आस जगी है।

रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ट्रैक वाराणसी से गोरखपुर के बीच करीब 500 गांव से गुजरेगी। रेलवे द्वारा जारी पिंक बुक के मुताबिक लालगंज और आजमगढ़ के मध्य से वाराणसी और गोरखपुर के बीच नई रेल लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (195.91 किमी.) के लिए चार करोड़ 89 लाख 80 हजार रुपये प्रस्तावित है। इसमें इस वित्तीय वर्ष एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

वहीं, नए वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक करोड़ 27 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं पिंक बुक के मुताबिक लालगंज और आजमगढ़ (195.91 किमी.) के रास्ते वाराणसी-गोरखपुर के बीच नई लाइन के निर्माण के लिए अद्यतन सर्वेक्षण के लिए 29 लाख 39 हजार रुपये प्रस्तावित था। वर्ष 2021-22 तक नौ लाख 87 हजार रुपये खर्च किया गया।

पिंक बुक के मुताबिक वाराणसी वाया लालगंज आजमगढ़-गोरखपुर के लिए नई रेलवे लाइन बिछाने की उम्मीद बढ़ी है। केंद्र सरकार ने इसके लिए कुछ बजट भी दिए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही सर्वे की कवायद तेज होगी।

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