ITR फाइलिंग डेडलाइन: 8 दिन में नहीं किया ये काम तो लगेगा 5 हजार रुपए जुर्माना

अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया है तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. दरअसल, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन 31 जुलाई है और ये काम करने के लिए आपके पास महज 8 दिन ही बचे हैं. ऐसे में अगर आपने अभी तक ITR फाइल नहीं किया है तो जल्द समय रहते कर लें. ऐसा इसलिए क्योंकि इनकम टैक्स विभाग इस बार डेडलाइन बढ़ाने के मूड में नहीं है और 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करने वालों को पेनल्टी के तौर पर मोटी रकम खर्च करनी पड़ सकती है. आइए जानते हैं 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करने के बाद आपको कितनी पेनल्टी चुकानी पड़ेगी.
3 करोड़ से ज्यादा रिटर्न फाइल
इनकम टैक्स के फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध डैशबोर्ड पर बताया गया है कि अभी तक 12 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं अब तक करीब 3 करोड़ 10 लाख इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं. उनमें से 2 करोड़ 90 लाख से ज्यादा रिटर्न टैक्सपेयर्स के द्वारा वेरिफाई किए जा चुके हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनमें से 94.53 लाख रिटर्न को प्रोसेस भी कर दिया है.
नहीं फाइल करने पर कितनी लगेगी पेनल्टी
इनकम टैक्स रिटर्न के मौजूदा नियमों के हिसाब से इस सीजन में 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल किए जा सकते हैं. 31 जुलाई 2024 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना नि:शुल्क है. डेडलाइन समाप्त हो जाने के बाद टैक्सपेयर के पास बिलेटेड रिटर्न भरने के लिए 31 दिसंबर तक का समय रहता है, लेकिन उसके लिए टैक्सपेयर को जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है.
पेनाल्टी अमाउंट टैक्सपेयर की सालाना इनकम पर निर्भर करता है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना कमाई 5 लाख रुपए तक या इससे कम है तो उसे बिलेटेड रिटर्न फाइल पर 1000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. वहीं अगर टैक्सपेयर की सालाना इनमक 5 लाख रुपए से ज्यादा है तो उसे 5,000 रुपए पेनाल्टी चुकानी पड़ेगी. इसके अलावा टैक्सपेयर को अपनी टैक्स अमाउंट पर इंटरेस्ट भी देना होगा.
क्यों बढ़नी चाहिए डेडलाइन?
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है. जैसे-जैसे डेडलाइन करीब आ रही है, रिटर्न फाइल करने की रफ्तार तेज होती जा रही है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के फाइलिंग पोर्टल पर ट्रैफिक बढ़ने से दिक्कतें भी आ रही हैं. लगातार कई टैक्सपेयर सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें लिख रहे हैं. कई टैक्सपेयर पोर्टल के स्लो होने और बीच में अटकने का हवाला देकर डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा पासवर्ड रिसेट, OTP और वेरिफिकेशन में भी टैक्सपेयर्स को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

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