जापान में जयशंकर ने चीन को अच्छे से सुनाया, गलवान का जिक्र कर क्या कहा?
चीन पर कटाक्ष करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बीजिंग ने भारत के साथ लंबे समय से चले आ रहे लिखित समझौतों का पालन नहीं किया है और उन्होंने 2020 में सीमाओं पर हिंसा के लिए ड्रैगन को दोषी ठहराया. उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना पिछले चार दशकों से अधिक समय के बाद पहली बार हुई.
देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय जापान के दौरे पर हैं. उन्होंने टोक्यो में एक थिंक टैंक के कार्यक्रम रायसीना गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान जयशंकर ने चीन की नापाका हरकतों का जिक्र किया और उस पर आरोप लगाया कि उसने भारत के साथ लंबे समय से चले आ रहे लिखित समझौतों का पालन नहीं किया है. साथ ही साथ विदेश मंत्री ने 2020 में सीमाओं पर दोनों देशों के बीच हुई झड़प के ड्रैगन को जिम्मेदार ठहराया ।
जयशंकर ने बदलती विश्व व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की. उनका कहना है कि हिंद-प्रशांत में शक्ति परिवर्तन एक बहुत बड़ी वास्तविकता है. क्षमता और प्रभाव बदलने से महत्वाकांक्षाओं में भी बड़े बदलाव होते हैं. साथ ही साथ रणनीतिक परिणाम भी जुड़े होते हैं. आपको क्या पसंद है और क्या नहीं ये मुद्दा नहीं रह गया है. हर किसी को वास्तविकता से निटपना पड़ेगा. विदेश मंत्री ने कहा, ‘आदर्श रूप से हम मानते हैं कि हर कोई कहेगा, ठीक है, चीजें बदल रही हैं, लेकिन इसे जितना संभव हो उतना स्थिर रखना चाहिए.’
भारत के विदेश मंत्री ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से उन्होंने पिछले दशक में इस तरह की चीजें नहीं देखा है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1975 से लेकर 2020 यानी 45 सालों तक सीमा पर कोई हिंसा नहीं हुआ थी, लेकिन 2020 में सब बदल गया. उन्होंने कहा, ‘कई चीजों पर असहमत हो सकती है, लेकिन जब कोई देश किसी पड़ोसी के साथ लिखित समझौतों का पालन नहीं करता है, तो मुझे लगता है… तब रिश्ते की स्थिरता पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है और ईमानदारी से कहूं तो इरादों पर सवाल उठता है.