Jammu Kashmir में आने वाली सरकार ‘दंतविहीन बाघ’ होगी’, उमर अब्दुल्ला के बाद अब इल्तिजा मुफ्ती का बड़ा दावा

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी होने से पहले ही निर्वाचित मुख्यमंत्री की शक्तियों में कटौती करने को लेकर एक के बाद एक दावे किए जा रहे हैं. पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला तो अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने इस पर बड़ा दावा किया है. इल्तिजा ने शनिवार को कहा कि ऐसा करने से जम्मू-कश्मीर में आने वाली सरकार ‘दंतविहीन बाघ’ होगी.
इल्तिजा मुफ्ती का यह बयान उमर अब्दुल्ला की ओर से शुक्रवार को किए गए दावे के बाद आया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि, ‘बीजेपी ने जम्मू कश्मीर में हार को स्वीकार कर ली है. इसलिए मुख्य सचिव को सरकार के व्यापार के नियमों को बदलने का काम क्यों सौंपा गया है. ताकि मुख्यमंत्री की शक्तियों में कटौती की जा सके’. हालांकि, उनके बयान को केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय ने भ्रामक और अटकलों वाला करार दिया.
रबरस्टाम्प सीएम= नगरपालिका का मेयर- इल्तिजा
जेकेएनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री की शक्तियों में कटौती कर एलजी को सौंपना चाहती है. इसलिए मुख्य सचिव को सरकार के व्यापार के नियमों को बदलने का काम सौंपा गया है. उमर अब्दुल्ला का दावा था कि उन्हें सचिवालय के भीतर से यह जानकारी मिली है. वहीं, अब पीडीपी नेता और बिजबेहड़ा विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी इल्तिजा मुफ्ती ने यह मुद्दा उठाया है.

With LG nominating 5 MLAs & Chief Secretary changing transaction of business rules its clear that the incoming government will be a toothless tiger. How much more will GOI possibly strip J&K of any semblance of authority & autonomy? Rubberstamp CM = Glorified mayor of a
— Iltija Mufti (@IltijaMufti_) October 5, 2024

इल्तिजा मुफ्ती ने अपने x पर लिखा, ‘एलजी द्वारा 5 विधायकों को नामांकित करने और मुख्य सचिव द्वारा कामकाज के नियमों में बदलाव करने से यह स्पष्ट है कि आने वाली सरकार एक दंतहीन बाघ होगी. केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से अधिकार और स्वायत्तता के किसी भी पहलू को और कितना छीन सकती है? उन्होंने आगे लिखा कि, ‘रबर स्टाम्प सीएम = नगरपालिका का गौरवशाली मेयर.’
गृहमंत्री कार्यालय ने जारी किया था कड़ा बयान
उमर अब्दुल्ला के दावे को गृहमंत्री अमित शाह के कार्यालय ने शनिवार को सिरे से खारिज कर दिया. HMO के जारी बयान में कहा गया कि उमर अब्दुल्ला के दावे भ्रामक और अटकलों वाला है. इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है, क्योंकि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं है. भारत की संसद द्वारा पारित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में व्यापार नियमों के लेनदेन को अधिसूचित करने का प्रावधान है. इसे वर्ष 2020 में अधिसूचित किया गया था.

Mr. @OmarAbdullahs tweet is misleading and speculative in nature. There is not even an iota of truth, as there is absolutely no such proposal. The Jammu and Kashmir Reorganization Act of 2019 passed by the Parliament of India provides for notifying the transaction of business
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) October 4, 2024

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