झारखंड माइनिंग स्कैम: अब हेमंत सोरेन के करीबियों पर ED ने कसा शिकंजा, इन पर हुई छापेमारी
झारखंड माइनिंग स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम हेमंत सोरेन के बाद अब उनके करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार में 12 ठिकानों में मनी लांड्रिंग के तहत छापेमारी की. ईडी ने अभिषेक प्रसाद “पिंटू” (झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार), राम निवास यादव (साहिबगंज जिले के डीसी) और राजेंद्र दुबे (साहिबगंज के डीएसपी) के ठिकानों पर भी छापेमारी की.
यह कार्रवाई झारखंड के साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन के एक मामले से संबंधित है, जिसमें 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय शामिल हैं.
ईडी ने अवैध पत्थर खनन के संबंध में बिष्णु यादव, पवित्र यादव, पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी, शस्त्र अधिनियम और जेएमएमसी नियम, 2004 की विभिन्न धाराओं के तहत एससी/एसटी थाना, साहिबगंज में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है. बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की.
अवैध खनन स्कैम मामले में ईडी की रेड
ईडी की जांच में पता चला कि साहिबगंज इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का काम किया जा रहा था. अवैध खनन किस पैमाने पर हुआ है इसका पता लगाने के लिए, झारखंड के प्रशासनिक, वन, खनन, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों के साथ ईडी के अधिकारियों द्वारा साहिबगंज जिले के कई इलाकों में दौरा किया गया.
इस दौरान ये पता चला कि बड़े पैमाने पर अवैध खनन के साथ-साथ भूमि और जंगल को नुकसान हुआ है. जांच के दौरान 23.26 करोड़ घन फीट से अधिक का अवैध खनन पाया गया, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 1250 करोड़ रुपए के करीब है.
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि अवैध खनन गतिविधियों का सरगना पंकज मिश्रा था, जिसे ईडी ने 19 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है. छापेमारी के दौरान के दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, रिकॉर्ड और नकदी 36.99 लाख कैश बरामद हुआ.
अवैध खनन मामले की ईडी कर रही है जांच
साहिबगंज के डीसी राम निवास यादव के कैंप कार्यालय से 7.25 लाख रुपये इसके अलावा साहिबगंज के डीसी राम निवास यादव के आवासीय परिसर से 9 मिमी बोर के 19 कारतूस, .380 मिमी के 2 कारतूस और .45 पिस्टल के 5 खाली खोखे भी बरामद किए गए. छापेमारी के दौरान 30 बेनामी बैंक खातों का भी पता चला और उन्हें फ्रीज कर दिया गया है.
3 जनवरी 2024 को की गई छापेमारी झारखंड में बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर खनन के खिलाफ जांच के तहत ईडी द्वारा की गई पिछली 51 छापेमारी और 8 गिरफ्तारियों की कड़ी में है.