जूनियर वकील की तैयारी नहीं थी, तारीख मांगी तो CJI चंद्रचूड़ ने क्लास लगा दी

भारत के मुख्य न्यायधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़. ख़बरों में ख़ूब रहते हैं. फ़ैसलों के लिए भी, बयानों के लिए भी. फिर ख़बर में हैं. एक वकील को ‘लपेटने’ के लिए. एक केस की सुनवाई थी.

सीनियर वकील आए नहीं थे. उनकी जगह जूनियर थे. उन्होंने बेंच से पासओवर की विनती की. ये कहते हुए कि सीनियर नहीं हैं. CJI ने कहा कि सीनियर की ग़ैर-मौजूदगी में जूनियर ही सीनियर है और उन्हें बहस करने के लिए कहा.

वकील ने फिर से अनुरोध किया: “क्या इसे पास किया जा सकता है? मैं तैयार नहीं हूं.”

जवाब में CJI ने कहा:

“इसे पास नहीं किया जाएगा. देखिए, अब सीनियर्स जूनियर्स को ट्रेन करने की ज़हमत नहीं उठाते. इसलिए ये बीड़ा कोर्ट ने उठाया है. एक जूनियर के तौर पर हमेशा अपने ब्रीफ़ के साथ तैयार रहना चाहिए, अपनी केस फ़ाइल्स को अपने साथ रखें. आपको ज़रूर पढ़ना चाहिए और तैयार रहना चाहिए. ये हम आपके हित की बात कर रहे हैं.”

सितंबर, 2023 में भी मुख्य न्यायधीश ने ऐसे ही एक जूनियर वकील की क्लास लगाई थी. केवल क्लास नहीं, उसके सीनियर पर 2000 रुपयों का जुर्माना भी लगाया था.

-अदालत की कार्यवाही चल रही थी, CJI चंद्रचूड़ ने वकील को बुरी तरह डांट दिया

लाइव लॉ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, CJI चंद्रचूड़ की बेंच थी. ऐसे ही एक जूनियर वकील ने सुनवाई मुल्तवी करने की मांग की थी. बेंच ने इनकार किया, तो जूनियर ने पलट कर कह दिया कि उसे केस के बारे में कुछ नहीं पता और उसे बहस करने के निर्देश दिए ही नहीं गए थे. CJI उखड़ गए. कहा,

“आप हमें यूं ही न समझें. कोर्ट चलाने में इनफ़्रास्ट्रक्चरल ख़र्च लगता है.”

इसके बाद उन्होंने बाक़ायदा सीनियर वकील को तलब किया. सीनियर वकील वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए जुड़े भी. उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने जूनियर को बिना तैयारी क्यों भेजा. फिर उन्हें निर्देश दिया कि बार असोसिएशन को 2000 रुपये का ज़ुर्माना भरें.

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