Kanakadhara Stotram: धन- दौलत में बढ़ोतरी के लिए प्रतिदिन करें ‘कनकधारा स्त्रोत’ का पाठ, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। इसलिए लोग अपने- अपने तरीके से आराधना करके मां लक्ष्मी प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। वहीं मान्यता है जिस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा हो जाती है, उस व्यक्ति के जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है।

साथ ही व्यक्ति के जीवन कभी धन का अभाव नहीं रहती है। वहीं यहां हम आपको ऐसे स्त्रोत के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका रोज पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही धन- दौलत में बढ़ोतरी होती है। इसकी रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। आइए जातने हैं इन स्त्रोत के बारे में…

इस विधि से करें पाठ

कनकधारा स्त्रोत का पाठ आप नित्य कर सकते हैं लेकिन इसकी शरुआत आप शुक्रवार से करें। वहीं इसके लिए आप एक कनकधारा यंत्र व कनकधारा स्त्रोत ले आएं और रोजाना नियमित रूप से कनकधारा यंत्र के सामने धुप-बत्ती करके कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार सुबह या शाम को किसी भी समय कर सकते हैं।

॥ श्री कनकधारा स्तोत्र ॥

अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती

भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।

अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला

माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥1॥

मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः

प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि ।

माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या

सा मे श्रियं दिशतु सागरसम्भवायाः ॥2॥

विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्ष –

मानन्दहेतुरधिकं मुरविद्विषोऽपि ।

ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्ध –

मिन्दीवरोदरसहोदरमिन्दिरायाः ॥3॥

आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्द –

मानन्दकन्दमनिमेषमनङ्गतन्त्रम् ।

आकेकरस्थितकनीनिकपक्ष्मनेत्रं

भूत्यै भवेन्मम भुजङ्गशयाङ्गनायाः ॥4॥

बाह्वन्तरे मधुजितः श्रितकौस्तुभे या

हारावलीव हरिनीलमयी विभाति ।

 

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